नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश, बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार, ओडिशा, मध्यप्रदेश से लेकर दक्षिण भारत तक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कुल 370 सीटें जीतने और एनडीए गठबंधन के साथ 400 पार का टारगेट तय किया है, जिन पर हर हाल में जीत दर्ज करने के लिए मेहनत भी की जा रही है। यही नहीं भाजपा ने इन सभी सीटों के हर समीकरण पर नजर बना रखी है। हर बूथ की जानकारी भी ली जा रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही 370 सीटों जीतने का भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को  टारगेट दिया है। यही नहीं उनके ऐलान के बाद भाजपा ने यह टारगेट पूरा करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इसके लिए कॉल सेंटर बना दिए गए हैं। भाजपा ने 370 सीटों पर कॉलसेंटर्स बनाए हैं। ये कॉलसेंटर तीन चीजों पर फोकस कर रहे हैं, भाजपा के साथ कौन है, बागी कौन हैं और किन स्कीमों पर जनता का क्या रुख है। इसके अलावा घर-घर जाकर लोगों तक स्कीमों का प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है।
इन कॉलसेंटर्स के जरिए यह भी पता लगाया जा रहा है कि किसी समुदाय विशेष की कोई नाराजगी तो नहीं है। टिकट बंटवारे के चलते स्थानीय नेता नाराज हैं तो उसका फीडबैक भी हाईकमान तक पहुंच रहा है। यही नहीं भाजपा की ओर से रैलियों और रोड शो भी किए जा रहे हैं। उत्तरप्रदेश में भाजपा ने गाजियाबाद से लेकर गाजीपुर तक सभी सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। इनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए गए जबकि ऐसा माना जा रहा है वह काफी चर्चित नेता हैं।
ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी खुद गाजियाबाद जैसी सुरक्षित कही जाने वाली सीट पर रोड शो करने पहुंचे। इसके अलावा पीलीभीत में भी वह रैली के लिए पहुंचे। यहां 2014 और 2019 में भाजपा ने पीएम मोदी का कोई कार्यक्रम नहीं किया था। इस तरह हाईकमान तक सीधे फीडबैक पहुंच रहा है। यही नहीं ऐसे पुराने कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय किया जा रहा है, जिनकी अपने समाज और क्षेत्र में अच्छी पैठ है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि कुछ सीटों पर जीत के भरोसे के चलते कार्यकर्ता सुस्त पड़ रहे हैं। ऐसे में उनमें ऊर्जा भरने के लिए भी कॉलसेंटर्स से फीडबैक मिल रहा है। फिलहाल पार्टी का पूरा फोकस इस पर है कि नेता बागी न होने पाएं और आत्मविश्वास से उन्हें बचाया जा सके। फिलहाल हर सीट से करीब 2000 कार्यकर्ताओं का फीडबैक लिया जा रहा है। उसके आधार पर ही रणनीति तैयार की जा रही है।