भोपाल । मप्र गेहूं उपज से लबालब है। मार्च-अप्रैल में मंडियां ओवर फ्लो में चलेगी। आम और खास सभी को सस्ता गेहूं मिलने का रास्ता सरकार ने निर्यात पाबंद कर खोल दिया है। दो माह तक आम और खास वर्ग ने खूब महंगा गेहूं आटा खरीदा। इसको देखते हुए सरकार ने लाखों टन गेहूं गोदाम से निकाल कर बाजार में ला दिया। 30 रुपए से कम भाव में आटा मिले, इसके लिए आटा मिलों को 2150 रुपए के भाव से गेहूं मिलता रहेगा।
किसानों को सरकार 2125 रुपए क्विंटल समर्थन दाम पर भारी खरीदी कर एक तरफ किसानों को खुश करेगी, दूसरी ओर आम लोगों को सस्ता गेहूं मुहैया कराएगी। गल्ला कारोबार में इस प्रकार की सरकार की नीति की खूब चर्चा हो रही है। नए गेहूं की मंडियों में आवक शुरू हो चुकी है। इस समय ऊंचाई वाले इलाकों की पथरीली भूमि की उपज आ रही है। निचले इलाकों का गेहूं अब पकने के कगार पर है। गांव छीतरदेवी के किसान करणसिंह पटेल ने बताया ऊपर वाले की मेहरबानी से गेहूं की उपज बेहतर है। ऐसा ही रहा तो चमकदार गेहूं की कमी नहीं रहेगी।
महंगा गेहूं खाने वाले अब सतर्क उज्जैन क्षेत्र खासकर खेती-किसानी वाला ही माना जाता है। यहां की मुख्य उपज गेहूं, चना, सोयाबीन मानी जाती है। महंगाई का झटका खा चुके लोग इस साल नया गेहूं सालभर का सीजन में ही खरीद लेंगे। 8 से 10 रुपए किलो महंगा गेहूं खाने वाले अब सतर्क हो गए। चुनावी वर्ष में आटा, दाल, तेल सस्ता मिलता रहे, इसके लिए सरकार द्वारा बाजार में रोजमर्रा की वस्तुओं के भाव की समय-समय पर समीक्षा कर जरूरी बदलाव भी किए जा सकते हैं।