इस्लामाबाद । पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने पंजाब में चुनाव देर से करवाने का एक कारण भारत से जंग की आशंका को बताया है। रक्षा मंत्री ने कहा- पंजाब प्रांत में चुनाव से देश में अस्थिरता बढ़ेगी। इससे भारत को जल विवाद, जातीय विवाद समेत कई मुद्दों पर फायदा उठाने का मौका मिल जाएगा।
रिपोर्ट में पाकिस्तान सरकार ने आशंका जताई है कि इससे पाकिस्तान उस ग्लोबल ग्रेट गेम का फिर शिकार होगा जिसमें भारत की अहम भूमिका है। सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में शाहबाज सरकार ने कहा- पाकिस्तान क्रॉस-बॉर्डर टेरेरिज्म, अस्थिरता, आतंकी खतरों, पाकिस्तान लौट रहे इस्लामिक स्टेट के लड़ाके, भारतीय जासूस एजेंसी रॉ और युद्ध के खतरों से जूझ रहा है। ऐसे में अभी चुनाव कराना देशहित में नहीं है।
दरअसल, पाकिस्तान में लंबे समय से पंजाब चुनाव को लेकर उथल-पुथल मची हुई है। शाहबाज सरकार इसे अक्टूबर तक टालना चाहती है लेकिन पूर्व क्करू इमरान खान जल्द से जल्द चुनाव करवाने के पक्ष में हैं। ऐसे में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। इस पर कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन को मई में चुनाव कराने के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि पंजाब प्रांत में इलेक्शन के लिए सरकार 21 अरब रुपए इलेक्शन कमीशन को दे। इसके लिए 10 अप्रैल डेडलाइन रखी गई। हालांकि, सरकार ने कोर्ट का आदेश नहीं माना और चुनाव को अक्टूबर में कराने की याचिका लगाई। लिहाजा, अदालत विधानसभा चुनाव में देरी की अपील पर सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शाहबाज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें भारत से युद्ध की आशंका को चुनाव न कराने के कारण के तौर पर बताया गया है। इसी का हवाला देते हुए रक्षा मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट से चुनाव की तारीख के आदेश को वापस लेने की अपील की। सरकार ने कहा कि अगर पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में विधानसभा चुनाव होते हैं, तो दूसरे प्रांतों में भी होने वाले चुनाव से पहले आतंकवाद का खतरा बढऩे की आशंका है।