पश्चिमी सिंहभूम जिले में सहकारिता विभाग के द्वारा संचालित लैंपस के द्वारा सत्र 2022-23 में 15 हजार क्विंटल धान का गबन कर दिया गया था। इसको लेकर उपायुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुए 30 नवंबर तक अधिप्राप्ति की गई धान या पैसा जमा नहीं करने वाले लैंपस के अध्यक्ष, सचिव व जन सेवक सह क्रय पदाधिकारी के ऊपर अलग-अलग थानाें में मामला दर्ज कराने का निर्देश दिया था।

उपायुक्त के आदेश पर आनंदपुर, कराईकेला, मनोहरपुर, मंझारी, केरा, गोलमुंडा, सोनुवा, लगड़ा, चक्रधरपुर और जैंतगढ़ लैंपस के अध्यक्ष, सचिव व क्रय पदाधिकारी पर मामला दर्ज करा किया गया है।

इन थाने में मामला दर्ज

बताया गया कि जैंतगढ़ लैंपस के अध्यक्ष सिंगा बालमुचू, सचिव चतुर्भुज प्रधान और जनसेवक सह क्रय पदाधिकारी दर्पो गोप के विरुद्ध जगन्नाथपुर थाना में मामला दर्ज कराया गया है। जैंतगढ़ लैंपस में 4 हजार 257 क्विंटल धान के मामले में 87 लाख 27 हजार रुपये गबन का आरोप लगाया गया है।

मनोहरपुर लैंपस में 5 हजार 342 क्विंटल गबन मामले में लैंपस के अध्यक्ष ज्योतिष ओडेया, सचिव गोविंद चन्द्र दास और क्रय पदाधिकारी सह जनसेवक विजय रजक के ऊपर एक करोड़, 9 लाख 52 हजार रुपये के मामले में मनोहरपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है।

मंझारी लैंपस में 760 क्विंटल धान का गबन

इसी प्रकार, मंझारी लैंपस में 760 क्विंटल धान में 15 लाख 58 हजार रुपये के गबन मामले में अध्यक्ष सोमनाथ बिरुवा, सचिव सनातन लोहार व क्रय पदाधिकारी सह जनसेवक नरेश मुंडा के ऊपर मंझारी थाना में मामला दर्ज किया गया है।

इसी तरह चक्रधरपुर लैंपस में 2 हजार 257 क्विंटल धान मामले में 46 लाख 26 हजार गबन में अध्यक्ष रामेश्वर बोदरा व सचिव मो. शाहिद के ऊपर मामला दर्ज कराया गया है।

वहीं, आनंदपुर लैंपस में 932 क्विंटल धान में 19 लाख 10 हजार रुपये गबन मामले में अध्यक्ष सुबो सामाड़, सचिव चंदन सिंहदेव व क्रय पदाधिकारी बिरसा तिग्गा के ऊपर आनंदपुर थाना में मामला दर्ज कराया गया है।

30 नवंबर तक वापस करने होंगे पैसे

इसके अलावा भी अन्य लैंपसों के अध्यक्ष, सचिव व क्रय पदाधिकारी के ऊपर संबंधित थाने में मामला दर्ज कराया गया है। इसको लेकर 3 नवंबर को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से खबर को प्रकाशित किया था।

इसके बाद ही उपायुक्त अनन्य मित्तल ने आपूर्ति विभाग व सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक करते हुए सख्त लहजे में आदेश दिया था कि सभी लैंपस 30 नवंबर तक धान या उसके बराबर दिये गये पैसा वापस नहीं करते हैं तो थाने में मामला दर्ज कराया जाये।