इस्लामाबाद । उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के महासचिव असद उमर की तत्काल रिहाई का आदेश दिया, जबकि सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव (एमपीओ) की धारा 3 के तहत उनकी गिरफ्तारी को शून्य घोषित कर दिया। अदालत ने राजनेता को हिंसक विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं बनने के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को रिहा करने का भी आदेश दिया, जब उन्होंने अपना हलफनामा जमा किया कि वे आंदोलन करने और कार्यकर्ताओं को उकसाने से दूर रहेंगे। हालांकि, रावलपिंडी की अदियाला जेल से रिहा होने के कुछ मिनट बाद उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बीच हिंसा भड़कने के एक दिन बाद 10 मई को उमर को एमपीओ के तहत आईएचसी परिसर से हिरासत में लिया गया था। 
गौरतलब है ‎कि हिंसक विरोध के फैलने के 24 घंटे के भीतर पीटीआई के कई अन्य शीर्ष नेताओं को भी इस्लामाबाद से हिरासत में लिया गया था। कोर्ट ने आज निर्देश जारी करते हुए, आईएचसी के न्यायमूर्ति मियां गुल हसन ने उमर से कहा कि यदि वह उपक्रम से भटकते हैं तो अपने राजनीतिक करियर को भूला दें। अदालत ने पीटीआई नेता को दो ट्वीट हटाने का भी निर्देश दिया। इस पर अवान ने कोर्ट को आदेश के अनुपालन का आश्वासन दिया। न्यायमूर्ति ने कहा कि वे आपको तब तक नहीं बख्शेंगे जब तक आप 9 मई की हिंसा की निंदा करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित नहीं करते हैं।