विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के कई नेताओं ने राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। जिन दलों के नेताओं ने नोटिस दिया है, उनमें तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, आप, द्रमुक, राजद, जदयू, राकांपा और वाम दल शामिल हैं। 

सूत्रों ने कहा कि 'इंडिया' के दलों ने राज्यसभा के सभापति को नोटिस देकर गोयल की कुछ टिप्पणी के खिलाफ शिकायत की। गोयल न्यूज पोर्टल 'न्यूजक्लिक' को लेकर बोल रहे थे कि उसने चीनी प्रचार को फैलाने के लिए कथित तौर पर चीन से जुड़ी फर्मों से धन प्राप्त किया। पीयूष गोयल ने विपक्षी दलों और न्यूज पोर्टल 'न्यूजक्लिक' के बीच संबंधों पर सवाल उठाया। इस पोर्ट पर 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने चीन से जुड़ी फर्मों से धन प्राप्त करने का आरोप लगाया है।
 
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में कहा, 'आज दोपहर एक बजे राज्यसभा में 'इंडिया' के दलों के नेताओं ने विपक्ष को 'देशद्रोही' कहने के लिए सदन के नेता पीयूष गोयल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया।' विशेषाधिकार हनन नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाले कांग्रेस नेता ने कहा, 'सदन के पटल पर उनसे माफी मांगने से कम कुछ नहीं चलेगा।'
 
बाद में सदन में पीयूष गोयल ने कहा कि वह ऐसे किसी भी शब्द को वापस लेते हैं जो संसदीय नहीं हो सकता है और उन्होंने सभापति से इसे रिकॉर्ड से हटाने का आग्रह किया। सभापति ने कहा कि वह रिकॉर्ड देखेंगे और अगर कुछ असंसदीय है तो वह सदन के रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि अगर कुछ भी असंसदीय है तो वह इसे हटा देंगे।
 
ब्रायन के निलंबन पर नहीं हुआ मतदान
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन के निलंबन को लेकर आज राज्यसभा में उस समय हंगामा हो गया जब सभापति ने पहले घोषणा की कि उन्हें सदन से हटना होगा लेकिन बाद में कहा कि उन्हें निलंबित करने के प्रस्ताव पर मतदान नहीं हुआ है और इसलिए वह कार्यवाही में शामिल होना जारी रख सकते हैं।

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने उन्हें निलंबित करने के प्रस्ताव पर मतदान की अनुमति न देने का 'दूरदर्शी' निर्णय लिया है। सभापति ने इससे पहले सदन में अमर्यादित व्यवहार के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता को निलंबित करने की घोषणा की थी।