झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में बुधवार को देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने नाइट लैंडिंग में बाधक सात ऊंचे भवनों को तोड़ने के एवज में दी जाने वाली मुआवजा राशि में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्देश दिया है।

मुआवजा राशि का एक माह में भुगतान का निर्देश
अदालत ने राज्य सरकार को मुआवजा राशि का एक माह में भुगतान करने का निर्देश दिया है। मुआवजा राशि के भुगतान के बाद भवनों को हटाने और एयरपोर्ट अथाॅरिटी को नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू करने का निर्देश दिया है।

देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू करने के लिए भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अवमानना याचिका दाखिल की थी।

याचिका में गया था कि हाई कोर्ट ने वर्ष 2013 के एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान तत्कालीन अधिकारियों द्वारा दिए गए शपथ पत्र को देखते हुए याचिका निष्पादित की थी।

हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी देवघर एयरपोर्ट पर अब तक रात्रि विमान सेवा शुरू नहीं की जा रही है।

दो मकान मालिकों ने मुआवजा राशि पर जताई आपत्ति
सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि डीसी के निर्देश पर देवघर एयरपोर्ट के आसपास के सात ऊंचे भवन को तोड़ना है। नुकसान का आकलन करने के लिए आकलनकर्ता ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी है।

भवनों की जांच कर मुआवजा राशि निर्धारित की गई है। इनमें से पांच मकान मालिकों ने निर्धारित किए गए मुआवजा पर अपनी सहमति दे दी है।

दो मकान मालिकों ने राशि पर आपत्ति जताते हुए उसमें बढ़ोतरी करने का आग्रह किया है। इसके बाद अदालत ने मुआवजा में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का निर्देश दिया है।

अब कम दृश्‍यता में भी होगी विमान की लैंडिंग
नाइट लैंडिंग की सुविधा बहाल नहीं रहने के कारण देवघर एयरपोर्ट पर आए दिन कम दृश्यता के कारण विमानों की लैंडिंग प्रभावित हो रही थी। सिस्टम को लागू करने में एयरपोर्ट के आसपास ऊंचे मकान का रहना बड़ा कारण था। इसी अड़चन को दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा था। अब कई तकनीकी सुविधा बहाल हो जाएगी और कम दृश्यता में भी विमान की लैंडिंग होगी।

अब नाइट लैंडिंग की अड़चन दूर हो जाएगी। यह सुविधा शुरू होने से विमानों के परिचालन की संख्या बढ़ेगी। बेंगलुरू और अन्य स्थानों के लिए सेवा शुरू होगी। -डा. निशिकांत दुबे, सांसद।