ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथारिटी के तहत एयरोट्रोपोलिस सिटी प्रोजेक्ट की जमीन पर हुए अमरूद घोटाले में नया मोड़ सामने आया है। प्रोजेक्ट की जमीन जोकि सड़क के लिए चिन्हित थी उसका टेंडर अब गमाडा की ओर से जारी कर दिया गया है।

ध्यान रहे कि जहां पर सड़क बननी थी पहले उस जमीन का आंवटन प्रोजेक्ट के तहत बिल्डरों को कर दिया गया था। मामला सामने आने के बाद इस पर विवाद हो गया था। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से पहले जहां पर अमरुदों के बाग थे। जिसे लेकर गमाडा की ओर से करोड़ों रुपये की मुआवजा राशि जारी की गई थी।

इस मुआवजा राशि को कई लाभार्थियों ने धोखे से हासिल किया था। जिनमें दो आईएएस अधिकारियों की पत्नियां भी शामिल हैं। इस मामले की जांच पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की ओर से की जा रही है। मामले में 22 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

इस मामले में गमाडा से धोखे से मुआवजा लेने वाले कई लोगों ने मुआवजा राशि भी वापस कर दी थी। लेकिन विजिलेंस ब्यूरो की ओर से मामले में आरोपित आइएएस अधिकारियों की पत्नियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

पंजाब अगेंस्ट करप्शन के अध्यक्ष सतनाम दाऊं का कहना है कि अधिकारियों ने दोषियों पर कोई कार्रवाई करने के बजाय अब प्रोजेक्ट रोड के टेंडर किए जा रहे हैं। घोटाले पर पर्दा डालने के लिए भू-माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए विकृत मानचित्रों के आधार पर आवंटन किया गया, जिसकी शिकायत फिर से की गई है।