मेहसाणा | किसी को ओटीपी शेयर करने या कोई अज्ञात लिंक क्लीक करने पर बैंक खाते से रुपए साफ होने की कई घटनाएं सुनी होंगी| लेकिन ऐसा कुछ भी करे बगैर बैंक एकाउंट से लाखों रुपए किसी अन्य खाते में ट्रांसफर हो जाने की अजीबोगरीब घटना सामने आई है| इतनी बड़ी रकम आखिर कैसे एक एकाउंट से दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर हो गई इसका जवाब फिलहाल ना तो बैंक के पास और ना ही पुलिस के पास| मेहसाणा पुलिस मामले की जांच कर रही है| मेहसाणा निवासी दुष्यंत उमेदभाई पटेल बिल्डर हैं और राधनपुर रोड स्थित साकेत बिजनस हब में उनकी उर्वी कंस्ट्रक्शन कंपनी नामक ऑफीस है| व्यावसायिक कामकाज के दुष्यंत पटेल ने मेहसाणा स्थित आईसीआईसीआई बैंक में सीसी एकाउंट खुलवाया था| जिसमें लाखों रुपए जमा-उधार होते थे| पेशे से बिल्डर दुष्यंत पटेल अपने एकाउंट का ब्यौरा काफी गोपनीय रखते थे| इसके बावजूद उनके एकाउंट से एक ही दिन में तीन ट्रांजेक्शन के जरिए रु. 37 लाख अन्य एकाउंट में ट्रांसफर हो गए| इतनी बड़ी रकम अपने एकाउंट से ट्रांसफर होने से दुष्यंत पटेल चौंक उठे और तुरंत बैंक पहुंच गए| तुरंत बैंक से संपर्क करने से दुष्यंत पटेल की अन्य रकम ट्रांसफर होने से बच गई| लेकिन 37 लाख रुपए उनके खाते से अन्य के खाते में कैसे पहुंच गए इसका जवाब बैंक और पुलिस के पास फिलहाल नहीं है| घटना 21 दिसंबर की है जब दोपहर सवा तीन बजे के आसपास दुष्यंत पटेल के मोबाइल पर उनके एकाउंट से रु. 10 लाख डेबिट होने का मैसेज आया| जिसे देख दुष्यंत पटेल चौंक उठे| वह कुछ समझ पाते कि मोबाइल पर दूसरा मैसेज आ गया और उसमें रु. 10 लाख निकाले जाने की जानकारी थी| ठीक 3.49 बजे दुष्यंत पटेल के मोबाइल आए मैसेज में उनके एकाउंट से रु. 17 लाख डेबिट किए जाने की सूचना थी| करीब आधे घंटे के भीतर दुष्यंत पटेल को तीन मैसेज मिले और एकाउंट से रु. 37 लाख साफ हो गए| राहत की बात यह थी कि दुष्यंत पटेल के बैंक पहुंचने से अन्य ट्रांजेक्शन रुक गया| इस अजीबोगरीब फ्रॉड के मामले में फिलहाल इतना पता चला है कि दुष्यंत पटेल के एकाउंट से आईसीआईसीआई के खाता नंबर 161205501051 और 092805001870 में ट्रांसफर हुए हैं| चौंकाने वाली बात यह है कि तीनों ट्रांजेक्शन के लिए बैंक रजिस्टर मोबाइल नंबर पर ना कोई ओटीपी ना कोई लिंक और ना ही कोई फ्रॉड कॉल आया| फिलहाल दुष्यंत पटेल की शिकायत के आधार पर मेहसाणा साइबर क्राइम पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है|