छिंदवाड़ा ।   छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ ने मंगलवार सुबह कलेक्ट्रेट में नामांकन दाखिल कर दिया। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ छिंदवाड़ा के पूर्व सांसद अलकानाथ शामिल थीं। नामांकन के बाद छिंदवाड़ा में रैली हुई, जिसको प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी एवं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी संबोधित किया। मानसरोवर में सभा में नकुलनाथ ने कहा, नाथ परिवार और छिंदवाड़ा के लोगों का राजनीतिक नहीं, पारिवारिक संबंध है। जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार हमें ताली और थाली बजाने का काम दे रही थी, तब छिंदवाड़ा पूरे मध्यप्रदेश और देश में एक ऐसा जिला था, जहां ऑक्सीजन सिलेंडर और इंजेक्शन की कमी नहीं थी। पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, छिंदवाड़ा की अलग पहचान है। आप दुनिया में जहां जाएं, वहां सीना ठोककर कह सकते हैं कि छिंदवाड़ा से आए हैं। मैंने मेरी पूरी जवानी यहां लगा दी, जिस पातालकोट में लोगों को आटा नहीं मिलता था। लोग सीमित कपड़े पहनते थे, अब वे जींस-टीशर्ट में घूमते हैं। नौजवानों ने वो पुराना पातालकोट नहीं देखा। कमलनाथ ने याद दिलाया कि किस तरह साल 1980 में छिंदवाड़ा में सड़क नाम की चीज नहीं थी और जब वे जीप से गांवों का दौरा करते थे तो डेढ़ किलो धूल उनके कपड़ों पर आ जाती थी। छिंदवाड़ा के दो हजार से अधिक गांवों में सिर्फ़ 400 गांव में बिजली थी। आज छिंदवाड़ा की पहचान विकास के मॉडल से हुई है। इस विकास के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित किया है और छिंदवाड़ा के विकास में इस तरह डूबे के अपने स्वास्थ्य और परिवार तक पर ध्यान नहीं दिया। नकुलनाथ की नामांकन रैली के बाद मानसरोवर में सभा में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, 'नेता नहीं, अब तो सिंधिया गद्दार हो गए हैं।

जब मैंने बात की सिंधिया से कि आप क्या चाहते हो? बोले- मैं लोकसभा चुनाव हार गया, मेरे से 27 नंबर की कोठी छीन ली जाएगी, मैं कहां रहूंगा?सिंघार ने कहा, 'एक कोठी के कारण आपने कांग्रेस को धोखा दे दिया। झांसी के लोग ग्वालियर के महाराज को आज भी गद्दार कहते हैं। मुझे भी खरीदने की कोशिश की गई, 50 करोड़ और मंत्री पद का ऑफर आया, लेकिन मैं सच्चा आदिवासी हूं, कांग्रेस को नहीं छोड़ा।' मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, भाजपा प्रत्याशी के चरित्र की भावना और उनके कारनामों को पूरा छिंदवाड़ा जानता है। भाजपा ने कुछ समय पहले अफवाहें उड़ाईं। तब मुझे कमलनाथ ने कहा था कि ये मीडिया की कॉन्स्पिरेसी है। उन्हें बताओ कि मैं इंदिरा गांधी का तीसरा पुत्र हूं। गांधी परिवार का साथ छोड़ नहीं सकता।' पटवारी ने कहा, जो लोग कमलनाथ के कंधों पर बैठकर, कांग्रेस से ताकत लेकर भाजपा में गए हैं, वे दो-तीन दिन के हैं। हमारी कांग्रेस के एक बहुत बड़े नेता, उनका नाम नहीं लूंगा, पहले दिन अखबारों में फ्रंट पेज पर और तीसरे दिन पीछे खड़े थे कि मेरा फोटो आ जाए।' नामांकन दाखिल करने से पहले नकुलनाथ ने शिकारपुर के हनुमान मंदिर में दर्शन किए। पत्नी प्रियानाथ, पिता कमलनाथ और मां अलकानाथ भी साथ रहे। नामांकन रैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे साथ रहे। इसके बाद उन्होंने रैली और फिर मानसरोवर पहुंचकर सभा की।