प्रयागराज। विपक्षी गठबंधन (आइएनडीआइए) को लेकर इन दिनों राजनीति गर्म है। वार-पलटवार का दौर जारी है। अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्षी गठबंधन (आइएनडीआइए) पर निशाना साधा है। मुख्तार अब्बास नकवी ने इस गठबंधन को वो प्लेन बता दिया, जिसके कई सारे पायलट है।

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इंडिया की हालत उस प्लेन की तरह है, जिसका पायलट अनाड़ी और पैसेंजर खिलाड़ी हैं। ऐसे प्लेन की या तो इमरजेंसी लैंडिंग होती है या फिर वह क्रैश हो जाता है। आइएनडीआइए में 25 से ज्यादा पायलट और 35 से ज्यादा खिलाड़ी हैं, ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसका अंजाम क्या होगा। इंडिया ने अपने नाम में हर अक्षर पर डॉट लगाकर इंडिया को टुकड़ों में बांटने का काम किया है। इस बार का चुनाव टुकड़ों में बांटे गए इंडिया और अखंड भारत के बीच होने जा रहा है।

पीएम मोदी के काम ने विपक्षी कुनबे की गणित को बिगाड़ा

सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में नकवी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के काम ने विपक्षी कुनबे की गणित को बिगाड़ दिया है। यह ना तो अकेले मोदी से मुकाबला कर सकते हैं और ना ही साथ मिलकर मोदी को हरा सकते हैं। मोदी की तपस्या की ताकत के आगे विपक्ष नहीं टिक पाएगा।

भारत जोड़ो यात्रा पर नकवी का कटाक्ष

राहुल गांधी के दूसरे चरण की भारत जोड़ो यात्रा पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, वह समय-समय पर पॉलिटिकल पर्यटन पर निकलते हैं। अपने इस पर्यटन में वह पाखंड की पराकाष्ठा पार कर जाते हैं। विपक्ष की वहीं हालत है कि सूत न कपास जुलहों में लठ्ठम लट्ठा। नरेन्द्र मोदी को 2014 में 283 सीटें मिली थी, 2019 में करीब 350 और 2024 में विपक्ष को 440 वोल्ट का करंट लगेगा। विपक्ष ने 2023 में जो गलती की है, उसका खामियाजा उसे 2024 में भुगतना ही होगा।

यूसीसी को लेकर प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है

मुख्तार अब्बास नकवी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड बेवजह का प्रोपेगेंडा किया जा रहा है। यूसीसी के लागू होने से ना तो किसी की धार्मिक आस्था प्रभावित होगी और ना ही उसके कोई हित।समाज को अलग-अलग तरह के कानूनों के मकड़जाल से छुटकारा मिलेगा।

'हम टुकड़े-टुकड़े करने वाली मानसिकता का विरोध करते हैं'

बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हम लोग रियल इंडिया का कतई विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि टुकड़े-टुकड़े करने वाली मानसिकता का विरोध कर रहे हैं। इस बार इंडिया बनाम अखंड भारत की लड़ाई होने जा रही है। चुनाव में भारत जीतेगा और इंडिया हारेगा।