बेंगलुरु । कर्नाटक विधानसभा चुनाव मतदान के लिए मात्र 20 दिन शेष रह गए हैं। इस बार तीन बार से निर्वाचित विधायक, जो चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं। जनता के विरोध का सबसे ज्यादा सामना उन्हें करना पड़ रहा है। इनमें से 56 विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं। कांग्रेस के 19, जेडीएस के 8 और एक निर्दलीय विधायक है। भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी चिंता इन्हीं पुराने विधायकों को चुनाव जिताने की है। यदि यह विधायक हारे तो कर्नाटक में भाजपा का सारा समीकरण गड़बड़ा जाएगा। 

70 फीसदी सीटों पर सीधा मुकाबला
कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में 70 फ़ीसदी सीटों पर कांग्रेस और भाजपा का सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। 170 विधानसभा सीटों पर सीधी टक्कर बनी हुई है। इस बार कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष की हवा चल रही है। 70 फ़ीसदी परिणाम कांग्रेस के पक्ष में जाते हुए दिख रहे हैं। 

अमूल मिल्क और नंदिनी मिल्क की अस्मिता दांव पर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अमूल मिल्क के साथ कर्नाटक के दुग्ध संघ के विलय की बात कहकर, कर्नाटक विधानसभा के चुनाव में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। यहां पर नंदनी दूध बहुत लोकप्रिय है। और अमूल दूध की तुलना में बहुत कम कीमत में मिलता है। इस विवाद ने कर्नाटक चुनाव में कन्नड़ मतदाताओं के बीच अस्मिता की भावना को जागृत कर दिया है। जिसके कारण गुजराती मॉडल पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है। इस विवाद के कारण भी चुनाव कांग्रेस के पक्ष में जाता हुआ दिखने लगा है। 

हर बार सत्ता बदलती है
कर्नाटक में पिछले 40 वर्षों से हर विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन होता है। कांग्रेस को विश्वास है कि अभी भाजपा की सरकार थी। अतः कांग्रेस की सरकार बनना तय है। वहीं भाजपा भी सत्ता वापसी को लेकर आशान्वित है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भाजपा ने इस तरह की परंपराओं को तोड़ दिया है। उसे लगता है कि इस बार कर्नाटक में भी वह 4 दशक पुरानी परंपरा को तोड़कर दोबारा सत्ता में वापस आएगी। 

स्टार प्रचारकों का रेला
कांग्रेस की ओर से स्टार प्रचारक राहुल गांधी कर्नाटक पहुंच गए हैं। उन्होंने भाषण भी दिया। नंदनी दूध के पार्लर में जाकर आइसक्रीम भी खाई। पानीपुरी का भी स्वाद चखा। कर्नाटक में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का क्रेज मतदाताओं के बीच में देखने को मिल रहा है। जनसंपर्क का यह तरीका मतदाताओं को भी पसंद आ रहा है। 

मोदी नड्डा और शाह
भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए जिला स्तर पर केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों तक उतार दिया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह स्टार प्रचारक के रूप में लगातार कर्नाटक में बने हुए हैं। टिकट वितरण के बाद प्रधानमंत्री का कर्नाटक में दौरा शुरू हो गया है। कर्नाटक के इस विधानसभा चुनाव में मोदी की लोकप्रियता भी कसौटी पर कसी जाएगी, ऐसा कहा जा रहा है। यदि भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक का चुनाव नहीं जीतती है, तो इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में पड़ना तय माना जा रहा है।