लखनऊ । विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभा और विधान परिषद सदस्य एक छत के नीचे बैठकर अपनी और अपने राज्यों की विधायिकाओं की कार्यप्रणाली को बेहतर और प्रभावशाली बनाने तथा उनकी कार्यक्षमता संवर्धन के लिए मंथन करेंगे। उन्हें यह अवसर मिलेगा मुंबई के जियो वल्र्ड कन्वेंशन सेंटर में 15 से 17 जून तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में।विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने गुरुवार को बताया कि तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन महाराष्ट्र की शैक्षणिक संस्था एमआइटी और राष्ट्रीय छात्र संसद संयुक्त रूप से करेंगे। पिछले वर्ष उन्होंने इस तरह का सम्मेलन कराए जाने का सुझाव दिया था।

लोकसभा अध्यक्ष रहे शिवराज पाटिल, सुमित्रा महाजन, मीरा कुमार और मनोहर जोशी तथा विधानसभा अध्यक्षों व विधान परिषद के सभापतियों ने भी राज्यों की विधायिकाओं को सहयोग, संरक्षण और मजबूती देने के लिए एक राष्ट्रीय संगठन की परिकल्पना की थी जो इस सम्मेलन के रूप में साकार होगी।महाना ने कहा कि उद्देश्य यह है कि विधायक क्षेत्रीय अस्मिता से ऊपर उठकर राष्ट्रीय क्षितिज पर भी सोचें। सम्मेलन में 80 सत्र आयोजित होंगे।महाना ने बताया कि सम्मेलन में लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष, राजनीतिक दलों के नेता, आध्यात्मिक गुरु, उद्योग जगत के अगुआ, पत्रकार और विधिवेत्ता शामिल होंगे।

सम्मेलन में विधायकों को विधानसभा क्षेत्र के विकास, सुशासन, जमीनी स्तर पर किये जा रहे अभिनव प्रयोगों तथा लोकतांत्रिक सहभागिता और जवाबदेही के संदर्भ में हुए उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश विधान सभा में 14 प्रतिशत विधायक युवा हैं जिनकी आयु 40 वर्ष से कम है। ऐसे विधायकों की संख्या 54 है। पांच विधायकों की आयु 25 से 30 वर्ष तक है। विधान सभा में उच्च शिक्षित विधायकों की संख्या 100 से अधिक है। उत्तर प्रदेश विधान सभा की ओर से प्रकाशित 18वीं विधान सभा की सदस्य परिचय पुस्तक में यह तथ्य सामने आए हैं।