जयपुर । अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि खान सुरक्षा अभियान के तहत एक पखवाड़े मेें 373 माइंस का निरीक्षण कर कमी पाई जाने वाले माइंसधारकों को खान सुरक्षा मापदण्डों की शतप्रतिषत पालना सुनिश्चित करने के लिए पाबंद किया गया है। वहीं जनवरी माह में 125 से अधिक सिलिकोसिस जांच व जागरुकता शिविर आयोजित कर 15 हजार से अधिक लोगों को लाभान्वित किया गया है।
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि सिलिकोसिस के प्रति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता को देखते हुए जनवरी माह में माइंस विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए प्रदेश में संभावित क्षेत्रों में 125 स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि इन षिविरों में क्षेत्रवासियों और श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ ही आवश्यकतानुसार शिविर में ही उन्हें दवा, मास्क व अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए वहीं बचाव उपायों से विशेषज्ञों द्वारा जागरुक किया गया। अप्रेल से अब जनवरी तक प्रदेश में 40 हजार से अधिक खनन श्रमिकों का स्वास्थ्य जांच कराई जा चुकी हैं वहीं सिलिकोसिस के संभावित 3616 पीडि़तों के नियमित ईलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि चिंतन षिविर के दौरान मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की सुरक्षित खनन के प्रति गंभीरता को देखते हुए प्रदेश में 23 जनवरी से एक माह का खान सुरक्षा अभियान आयोजित किया जा रहा है। इसमें निदेशक माइंस श्री संदेश नायक सहित विभाग के अधिकारी मांइस क्षेत्र में जाकर निरीक्षण कर माइंसधारकों और सुरक्षा व स्वास्थ्य मानकों की सख्ती से पालना करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। गौरतलब है कि एसीएस माइंस द्वारा प्रगति की नियमित समीक्षा की जा रही हैं वहीं निदेशक माइंस सहित अधिकारियों द्वारा माइंस का दौरा कर निरीक्षण किया जा रहा है। अभियान के दौरान निदेशक माइंस श्री संदेश नायक द्वारा जोधपुर व नागौर के साथ ही भीलवाड़ा में निरीक्षण किया गया और भीलवाड़ा में आयोजित सिलिकोसिस जांच शिविर में हिस्सा लिया।एसीएस डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार खानों में सुरक्षा व स्वास्थ्य मापदंडों की पालना कराने के प्रति गंभीर है और यही कारण है निरीक्षण के लिए संभावित खानों को ही चुना जा रहा है और कमी पाए जाने पर आरंभ में नोटिस देकर पालना सुनिश्चित करने के लिए पाबंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नियमों व मापदंडों की पालना में कोताही बरतने पर माइनिंग बंद कराने जैसे अप्रिय कदम उठाए जाएंगे।