जयपुर । प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी वैभव गालरिया की अध्यक्षता में पंत कृषि भवन के समिति कक्ष में राजस्थान राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण संस्था के संचालक मण्डल की 44वीं वार्षिक साधारण एवं 78वीं साधारण बैठक का आयोजन किया गया।  निदेशक राजस्थान राज्य बीज एवं जैविक प्रमाणीकरण संस्था कैलाश चंद मीणा ने बैठक में पीपीटी के माध्यम से बताया कि संस्था का संचालन राज्य सरकार द्वारा मनोनित 13 सदस्यीय संचालक मण्डल द्वारा किया जाता है, जिसके अध्यक्ष प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी एवं सचिव संस्था निदेशक हैं। 
संस्था द्वारा फसलों की अधिसूचित किस्मों का प्रमाणीकरण राज्य में भारतीय न्यूनतम बीज प्रमाणीकरण मानकों के अनुरूप किया जाता है। संस्था को जैविक प्रमाणीकरण का कार्य करने हेतु भारत सरकार के वाणिज्यिक एवं उद्योग मंत्रालय के संस्थान एपीडा द्वारा वर्ष 2007 में मान्यता दी गई।संस्था का उद्देश्य अधिसूचित किस्मों के बीजों का राज्य में भारत सरकार द्वारा निर्धारित आई.एम.एस.सी.एस. के मापदण्डानुसार प्रमाणित करना है। भारत सरकार द्वारा अधिसूचित किस्मों की सूची का संधारण कर बीज उत्पादक संस्थाओं एवं बीज उत्पादक कृषकों को उपलब्ध करवाना है। वर्तमान में प्रमाणित बीज उत्पादन में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों की 300 संस्थाऐं कार्यरत है। फसलों के बीजों की प्रमाणीकरण प्रक्रिया के अन्तर्गत प्रदेश में वर्तमान में 207 बीज विधायन केन्द्र कार्यरत है, जिनमें से 72 सार्वजनिक व 135 निजी क्षेत्र के है।राजस्थान जैविक प्रमाणीकरण संस्था का उद्देश्य राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के मानकों के अन्तर्गत जैविक प्रमाणीकरण सेवाऐं प्रदान कराना है। संस्था द्वारा प्रमाणीकरण हेतु निर्धारित दरें निजी क्षेत्र की संस्थाओं से अपेक्षाकृृत कम है।