अजमेर: जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एक स्टूडेंट ने चालाकी से परीक्षा देने की कोशिश की। लेकिन एमबीबीएस फर्स्ट ईयर में लगातार फेल हो रहे स्टूडेंट को पास कराने के इरादे से मास्क लगाकर परीक्षा देने आया उसके दोस्त परिवीक्षक की नजर से नहीं बच सका। परिवीक्षक ने मास्क उतरवाकर पहचान पत्र की और फोटो से मिलान किया। तो मेडिकल स्टूडेंट्स की कारगुजारी सामने आ गई। मामले में कॉलेज प्रबंधन ने गुरुवार को सदर कोतवाली थाने में शिकायत दी। शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है। पुलिस के अनुसार 8 अप्रैल को एमबीबीएस सप्लीमेंट्री एनाटॉमिक सेकंड परीक्षा का आयोजन हुआ था। यहां एक मेडिकल स्टूडेंट की ओर से दूसरे स्टूडेंट का पेपर देने की बात सामने आई है।

2020 बैच का एमबीबीएस का छात्र के लिए पेपर देने पहुंचा था कुलदीप

सदर कोतवाली थाने के एसआई शिवलाल ने जानकारी देते हुए बताया कि 2020 बैच का एमबीबीएस का छात्र रवि मीणा लगातार फेल हो रहा था। दोस्त को पास करवाने के लिए साथी मेडिकोज विमल कुलदीप 8 अप्रैल को उसकी जगह परीक्षा देने कॉलेज पहुंच गया। परिवीक्षक की नजर से बचने के लिए उसने मास्क लगा लिया। परीक्षा कक्ष में एकमात्र छात्र को मास्क में देखकर परिवीक्षक का शक गहरा गया। परिवीक्षक ने उसको मास्क हटाने के लिए कहा तो उसने जुखाम होने का बहाना बनाया।

खुद भी तीसरी बार में पास हुआ था

परिवीक्षक ने मास्क को हटाने का दबाव बनाया तो उसका सच सामने आ गया। मास्क हटाने पर पहचान पत्र पर लगी रवि की फोटो से मिलान नहीं हुआ। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन को सूचना देते हुए परीक्षा में नकल का केस बनाया गया। बताया जा रहा है कि पकड़ा गया स्टूडेंट कॉलेज के फर्स्ट ईयर का ही छात्र है, जो खुद भी तीसरी बार में परीक्षा में पास हुआ था।