महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के किसानों से जुड़ी एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल 31 अगस्त तक 685 किसानों ने आत्महत्या की। यह कदम उठाने वाले किसानों में से सबसे ज्यादा 186 मौतें राज्य के कृषि मंत्री धनंजय मुंडे के गृह जिले बीड में हुई हैं।

यहां संभागीय आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में 1 जनवरी से 31 अगस्त 2023 के बीच 685 किसानों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।  इनमें से 294 मौतें अकेले तीन मानसून महीनों (जून से अगस्त) में हुईं हैं।

आपको मालूम हो कि मध्य महाराष्ट्र के शुष्क क्षेत्र में आठ जिले शामिल हैं - औरंगाबाद, जालना, बीड, परभणी, नांदेड़, उस्मानाबाद, हिंगोली और लातूर। मराठवाड़ा वर्तमान में 20.7 प्रतिशत वर्षा की कमी का सामना कर रहा है। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा, इस क्षेत्र में अब तक 455.4 मिमी बारिश (11 सितंबर तक) हुई है, जबकि औसत मानसूनी बारिश (समीक्षा अवधि के दौरान) 574.4 मिमी थी।

जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में सबसे ज्यादा 186 किसानों की आत्महत्या बीड जिले में हुई। बीड बागी राकांपा नेता मुंडे का गृह जिला है। यह वही नेता हैं जो 2 जुलाई को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए थे और लगभग दो सप्ताह बाद उन्हें कृषि विभाग दिया गया था।

रिपोर्ट में बताया गया है कि बीड जिले के बाद उस्मानाबाद (113 किसान आत्महत्या), नांदेड़ (110), औरंगाबाद (95), परभणी (58), लातूर (51), जालना (50) और हिंगोली (22) हैं।