प्रयागराज: अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ पुलिस कस्टडी में मारे जा चुके हैं। माफिया का एक बेटा भी एनकाउंटर में ढेर हो गया था। बाकी चार बेटों में दो जेल और दो बाल गृह में हैं।

बाल गृह में दोनों बेटे कर्मचारियों से अक्सर खाने में ऐसी नानवेज चीजें मांगते हैं तो वहां के मेन्यू में है नहीं। इन दोनों से पिछले चार महीने में कोई करीबी मिलने नहीं गया। वे कर्मचारियों से पूछते रहते हैं कि कब तक यहां रहना होगा, अब्बा-चाचा रहे नहीं और मां फरार है तो क्या होगा अब उनका।

24 फरवरी को सुलेमसराय में उमेश पाल और दो सरकारी गनर की हत्या के बाद धूमनगंज पुलिस ने अतीक अहमद के दो नाबालिग बेटों को चकिया में पकड़ा था, जिन्हें दो मार्च को राजरूपपुर में 60 फीट मार्ग स्थित बाल गृह में पहुंचा दिया गया था। तब से वे दोनों वहीं रखे गए हैं।

सुरक्षा के लिए तैनात है पुलिस टीम

माफिया के बेटे होने की वजह से उनकी सुरक्षा के लिए हर वक्त हथियारबंद पुलिसवालों की टीम तैनात रहती है। कर्मचारियों ने बताया कि अतीक के 15 और 18 वर्षीय बेटों को सबसे अलग बाल गृह के ऊपरी हाल में रखा गया है। हर वक्त पुलिसवालों की निगरानी रहती है।

माफिया के बेटे खाने में कभी चिकन-मटन तो कभी बिरयानी की मांग करते हैं। उन्हें कई बार बताया जा चुका है कि बाल गृह में शाकाहारी भोजन ही दिया जाता है। अक्सर फोन की मांग करते हैं जिसकी वहां मनाही है।

बार-बार पूछ रहें सवाल

आमतौर पर बाकी लड़कों से अलग रहने वाले ये दोनों कभी-कभी टीवी पर फिल्म देखने के लिए हाल में आकर बैठते हैं। उन दोनों को पढ़ने के लिए अंग्रेजी-हिंदी की किताबें दी गई हैं। ज्यादातर वक्त चुप रहने वाले अतीक के दोनों बेटे कर्मचारियों से पूछते रहते हैं कि वे कब बाहर निकल पाएंगे। क्या होगा अब हमारा। कोई मिलने भी नहीं आता है।

उन्हें बताया जाता है कि अगर कोई लेने नहीं आया तो 18 वर्ष की उम्र तक उन्हें बाल गृह में रखा जाएगा। बाल गृह अधीक्षक शैलेंद्र कुमार के मुताबिक, अतीक के बेटों को मैनुअल के अनुसार सुविधाएं दी जा रही हैं।