भोपाल ।   मध्य प्रदेश की सियासत में किसान हमेशा से केंद्र में रहा है। चुनावी दौर में किसानों की नाराजगी से बचने के लिए सरकार ढाई लाख टन अतिरिक्त खाद खरीदेगी। यह निर्णय इसलिए किया गया है ताकि खरीफ और रबी फसलों के समय खाद की किल्लत न हो। अग्रिम भंडारण भी मार्च के स्थान पर फरवरी से प्रारंभ किया जाएगा। किसान भी मांग के अनुरूप खाद का अग्रिम भंडारण कर सकेंगे, इसका ब्याज भी उनसे नहीं लिया जाएगा।

इस बार किसानों को हुई थी परेशानी

रबी फसलों के लिए इस बार किसानों को खाद प्राप्त करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। अव्यवस्था से हुई परेशानी के कारण कई जगह किसानों ने नाराजगी प्रदर्शित की। स्थिति से निपटने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मोर्चा संभालना पड़ा था। उन्होंने केंद्र सरकार से अतिरिक्त खाद प्राप्त करने के साथ वितरण व्यवस्था को नियमित निगरानी कर ठीक कराया था।

45 लाख टन खाद लगती है

खाद संकट की स्थिति चुनाव के समय न बने, इसके लिए सरकार ने अग्रिम भंडारण की कार्ययोजना बनाई है। इसमें यूरिया, डीएपी और एनपीके का 10.90 लाख टन अग्रिम भंडारण किया जाएगा। यह लक्ष्य 8.40 लाख की तुलना में 2.5 लाख टन अधिक है। बता दें कि प्रदेश में खरीफ और रबी फसलों के लिए 45 लाख टन खाद लगती है। इसमें 30 लाख टन खाद की व्यवस्था सहकारी समितियों और 15 लाख टन खाद की आपूर्ति निजी क्षेत्र से होती है।

किसानों को परेशान नहीं होने देंगे - भदौरिया

सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संकल्पित हैं। किसानों को किसी भी कीमत पर परेशान नहीं होने देंगे। हमने अतिरिक्त खाद के अग्रिम भंडारण का निर्णय लिया है। इससे किसान को समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।