शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना बहुत आवश्यक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जब बात आहार के पौष्टिकता की आती है तो इसमें खाने के स्वस्थ तेल को भी शामिल किया जाना चाहिए। हम किस तरह के तेल का सेवन करते हैं, इसका सेहत पर सीधा असर होता है। अध्ययनों में ऑलिव ऑयल को कई प्रकार की बीमारियों के जोखिमों कम करने वाला पाया गया है, वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं रिफाइंड तेल उतना ही हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है।रिफाइंड तेल, प्राकृतिक तेलों का प्रोसेस्ड रूप होता है, जो तेलों को कई प्रकार के रसायनों और गंध के साथ फिल्टर करने से प्राप्त होता है। इस तरह के तेल हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

रिफाइंड ऑयल से कई बीमारियों का खतरा

रिफाइंड ऑयल किस प्रकार से हमारी सेहत के लिए दुष्प्रभावों वाले हो सकते हैं, इसको समझने के लिए किए गए अध्ययनों में कई बातें सामने आईं। शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर आप रोजाना रिफाइंड ऑयल का सेवन करते हैं तो यह कई क्रोनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग, एथेरोस्क्लेरोसिस, मोटापा, प्रजनन संबंधी समस्याएं और प्रतिरक्षा संबंधी दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है। इस तरह के जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस तरह के तेलों का सेवन कम या बिल्कुल न करने की सलाह देते हैं।

रिफाइंड ऑयल से बढ़ती है इंफ्लामेशन

रिफाइंड ऑयल को शरीर में इंफ्लामेटरी समस्याओं को बढ़ाने वाला पाया गया है और इंफ्लामेशन की स्थिति कई क्रोनिक बीमारियों के जोखिमों को बढ़ाने वाली मानी जाती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि  रिफाइंड ऑयल में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है। इस प्रकार के फैट्स को हृदय रोगों और कैंसर को बढ़ावा देने वाला पाया गया है।

हो सकते हैं कैंसरकारक दुष्प्रभाव

प्राकृतिक तेलों के प्रोसेसिंग की प्रक्रिया के दौरान निकेल रिलीज होता है, इस रसायन की मात्रा शरीर के लिए हानिकारक प्रभावों वाली हो सकती है। यह धातु स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से हानिकारक हो सकती है भोजन में इसकी उपस्थिति कैंसरकारी प्रभाव पैदा कर सकती है। इसका लिवर, त्वचा और श्वसन प्रणाली पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।