भारत में गोल्ड के निवेश को पारंपरिक रुप से सुरक्षित और पसंदीदा निवेश विकल्प माना जाता है। गोल्ड में अगर कोई सबसे ज्यादा निवेश करता है तो वो कम आय वाले परिवार और ग्रामीण होते हैं। इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर (IGPC) की घरेलू सर्वेक्षण से यह बात सामने आई कि निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोग सोने को बैंक एफडी की तुलना में बेहतर निवेश मानते हैं। उनका मानना है कि सोना मुद्रास्फीति से बचाव और शॉर्ट टर्म में धन जुटाने में उनकी मदद करेग।

गोल्ड में निवेश इनकम पर निर्भर नहीं- सर्वे रिपोर्ट

सर्वेक्षण के नतीजे के मुताबिक कम आय वाले परिवारों में सोने की मांग आवश्यक रूप से आय के स्तर से प्रेरित नहीं है, बल्कि वित्तीय और निवेश उत्पादों तक पहुंच की कमी है जिसका मांग पर बड़ा असर पड़ता है। मध्यम वर्ग के लिए मुद्रास्फीति बचाव के रूप में सोने की भूमिका उनके लिए सबसे बड़ा कारक है।

गोल्ड में निवेश अच्छा संकेत

विश्व स्वर्ण परिषद ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है कि सोना न केवल सजावट के लिए खरीदा जा रहा है बल्कि इसे वास्तविक निवेश उत्पाद भी माना जाता है। IGPC की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि सादे सोने के आभूषण खरीदने की प्रबल प्राथमिकता थी, जिसे जड़े हुए आभूषण की तुलना में पिघलाने या विनिमय करने पर बेहतर प्राप्ति मूल्य होता है।

सरकार ने कुछ सोने के आभूषणों पर लगाया आयात प्रतिबंध

हाल ही में बुधवार 12 जुलाई को केंद्र सराकर ने कुछ सोने के आभूषणों और वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध लगा दिया था जिससे गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात में कटौती करने में मदद मिलेगी। अब आयातक को इन सोने के उत्पादों के आयात के लिए सरकार से अनुमति या लाइसेंस की आवश्यकता होगी।

कल कितनी बढ़ी थी सोने की कीमत

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, मजबूत वैश्विक रुझानों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को सोने की कीमतें 400 रुपये बढ़कर 60,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं। पिछले कारोबार में गोल्ड 59,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसके अलावा चांदी की कीमतें भी 2,300 रुपये बढ़कर 75,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। वैश्विक बाजार में सोना 1,960 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस और चांदी 24.17 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहे थे।