बाल कल्याण समिति के रवैये से बच्ची अपनी पालन पोषण करने वाली मां से दूर है। मां का आरोप है कि दस माह से उसे बच्ची से मिलने तक नहीं दिया जा रहा है। महिला बृहस्पतिवार को बच्ची को वापस दिलाने की गुहार लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची। उसका कहना है कि बच्ची शिशु गृह में परेशान है।

ये है मामला

टेढ़ी बगिया, एत्माद्दौला की रहने वाली महिला के घर पर आठ साल पहले अंजलि नाम की किन्नर नवजात शिशु को लेकर मोहल्ले में नेग मांगने आई थी। तब वह बच्ची को कुछ देर में ले जाने की कहकर छोड़ गई। छह साल बाद अचानक घर के बाहर बच्ची को खेलता देख किन्नर अंजलि उसे अगवा कर ले गई। तब उन्होंने पुलिस की मदद से बच्ची को फर्रुखाबाद में उसके चंगुल से मुक्त कराया था। इसके बाद किन्नर अंजलि ने बाल कल्याण समिति में फर्जी शिकायत दर्ज करा दी। 

राजकीय बाल शिशु गृह भेजी बच्ची

समिति ने जांच के नाम पर बच्ची को राजकीय बाल शिशु गृह भेज दिया और आश्वासन दिया कि जांच पड़ताल के बाद बच्ची को सौंप दिया जाएगा, लेकिन 10 महीने बीतने के बाद भी बच्ची को नहीं सौंपा गया। अब तो उससे मिलने भी नहीं दिया जा रहा है।

ये कहना है समिति की अध्यक्ष का

इस मामले में समिति की अध्यक्ष मोनिका सिंह ने बताया कि किन्नर की आपत्ति के बाद बच्ची को बाल शिशु गृह में रखवाया था। किन्नर का आरोप था कि महिला बच्ची के साथ गलत व्यवहार करती है, लेकिन जांच में पाया गया कि महिला और बच्ची के बीच बहुत अच्छे संबंध है। उन्होंने कहा कि जनवरी से छुट्टी पर थी। इस दौरान समिति के सदस्यों ने मार्च 2023 में अंतिम रिपोर्ट में पर हस्ताक्षर किए थे कि बच्ची महिला को सुपुर्द नहीं की जाएगी। समिति के सदस्य बेताल सिंह का कहना है कि पूरा मामला अध्यक्ष मोनिका सिंह के संज्ञान में है। सदस्यों ने इस मामले में कोई भी आदेश नहीं किया है।

ये बोले नरेश पारस

बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस का कहना है कि इस मामले में बालिका का हित प्रभावित हो रहा है, इससे बच्ची पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। एक वर्ष बाद बच्ची को कानपुर राजकीय बालिका गृह में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जिससे बच्ची को महिला से मिलने के संभावना खत्म हो जाएगी। इस मामले में समिति को पुन: विचार करना चाहिए।