अगर आप एक फ्रीलांसर या सलाहकार के रूप में काम करते हैं। आपका रिटर्न फाइल करने का तरीका वेतनभोगी व्यक्ति की तुलना में काफी अलग होगा। कोई भी सलाहकार को रिटर्न फाइल करते समय ITR-1 या ITR-2 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं करना होता है। इसी के साथ वो 50,000 रुपये की कटौती के लिए क्लेम भी नहीं कर सकता है। इसका कारण है कि उसकी कोई सैलरिड इनकम नहीं होती है। हालांकि, वो बिजनेस एक्सपेंस के लिए क्लेम दे सकता है। इस आर्टिकल के जरिये जानते हैं कि सलाहकार के तौर पर काम करने वाले व्यक्ति को टैक्स रिटर्न फाइल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही हम आईटीआर फाइल करने की पूरी प्रोसेस के बारे में जानते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

टैक्स स्लैब

फ्रीलांसर या फिर कंसल्टेंट के तौर पर काम करने वाले व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स स्लैब मौजूद हैं। ये स्लैब वेतनभोगी व्यक्तियों के समान ही है। आपको अपने इनकम के आधार पर ही टैक्स स्लैब का चयन करना चाहिए। सलाहकार को हर साल कर व्यवस्था का चयन नहीं करना होता है। वहां, वेतनभोगी व्यक्ति को हर साल टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करना होता है।

इनकम टैक्स एक्ट धारा 44एडीए

फ्रीलांसर या कंसल्टेंट को धारा 44एडीए के तहत टैक्स लगाने का ऑप्शन चुन सकते हैं। यह धारा सीबीडीटी द्वारा अधिसूचित कानूनी, चिकित्सा, इंजीनियरिंग या वास्तुशिल्प व्यवसायों या अकाउंटेंसी या तकनीकी परामर्श या आंतरिक सजावट या किसी अन्य पेशे में लगे प्रोफेशन के लिए लागू है। अगर कोई सलाहकार अनुमानित टैक्सेशन का विकल्प को चुनते है, तो वह अपने इनकम से कोई भी टैक्स कटौती के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं। उन्हें टैक्स कटौती की कोई अनुमति नहीं दी जाती है।

आईटीआर फॉर्म

फ्रीलांसर को रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म-3 का उपयोग करना चाहिए। अगर सलाहकार अनुमानित टैक्सेशन के ऑप्शन को सिलेक्ट करते हैं तब उसे फॉर्म-4 को चुनना होता है। ये फॉर्म-3 से काफी आसान होता है। इसमें सलाहकार को अपने प्रॉफिट और नुकसान की जानकारी देनी होती है। अगर फ्रीलांसर की इनकम 50 लाख से ज्यादा है तब वो फॉर्म-4 नहीं भर सकते हैं।

कैसे करें आईटीआर फाइल

आपको आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर लॉग-इन करना है।
लॉग-इन के बाद आपको रिटर्न फाइल के ऑप्शन को सिलेक्ट करना होगा।
अब आपको वित्त वर्ष 2022-23 के विकल्प को सिलेक्ट करने के बाद ऑनलाइन ऑप्शन को सिलेक्ट करें।
अब आपको न्यू फाइलिंग पर क्लिक करना है।
इसके बाद आपको Individual के ऑप्शन को सिलेक्ट करना है।
अब आपको सही आईटीआर फॉर्म को सिलेक्ट करें।
अब आपको फॉर्म पर मौजूद निर्देशों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। अब फॉर्म में दी गई सभी जानकारी को भरना चाहिए।
इसके बाद आपको सभी जानकारी को चेक करना चाहिए। कोई भी गलती हो जाने के बाद आपका रिटर्न अमान्य हो जाएगा।
अब आप टैक्स कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं।  
इसके बाद आपको अपना रिटर्न वेरीफाई करना होगा। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में अपना रिटर्न वेरिफाई करवा सकते हैं।