जून की गर्मी ने हलकान कर दिया है। सुबह से सूरज की तीखी किरणें चुभ रही हैं, तो शाम ढलने के बाद भी चैन नहीं मिल रहा है। सूर्योदय के बाद से ही गर्मी असर दिखा रही है। दोपहर में राजस्थान के मरुभूमि जैसी उष्ण लहर शरीर को जला रही है।

गुरुवार को दिन ढलने के बाद भी गर्म लहर से राहत नहीं मिली। शाम की आबोहवा ऐसी रही, जैसे आसमान में किसी ने आग की भट्ठी जला रखी है और उससे धरती तप रही है। गर्मी ने दशक की सबसे गर्म शाम का अनुभव कराया। तापमान सामान्य से छह डिग्री पर ऊपर चढ़ गया है।

पिछले वर्ष जून में अधिकतम तापमान 40 के नीचे रहा था। न्यूनतम तापमान 26-27 डिग्री के बीच था। इस बार अधिकतम तापमान 40 और न्यूनतम तापमान 31 डिग्री पर पहुंच गया है। गुरुवार की रात आठ बजे भी शहर का पारा 38 डिग्री रिकार्ड किया गया। रात भर उमस भरी गर्मी ने परेशान किया।

चक्रवात का असर खत्म होने के बाद सक्रिय होगा मानसून। चक्रवात के कारण मानसून स्थिर हो गया है। मानसून की सक्रियता चक्रवात का प्रभाव समाप्त होने के बाद ही बढ़ेगी। मौसम विभाग ने 18 से 21 जून के बीच मानसून के लिए परिस्थिति अनुकूल होने की संभावना जतायी है। इससे पहले सोमवार से प्री-मानसून की गतिविधि शुरू होने से हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा की संभावना है।

गुरुवार की शाम मौसम विभाग से जारी आंकड़े के अनुसार, राज्य में सबसे गर्म गोड्डा का तापमान 45.9 डिग्री पर रहा। दूसरे नंबर पर पाकुड़ 45.1 डिग्री पर पहुंच गया। देवघर का तापमान 44.2 डिग्री दर्ज किया गया। धनबाद में अधिकतम तापमान 42 डिग्री पर रहा। पूरे दिन आसमान से आग बरसती रही।