भोपाल । साल भर पहले झांसी से लापता हो गई एक किशोरी को पुलिस ने एनजीओ की मदद से बरामद कर लिया है। किशोरी को उसके पिता के दोस्‍त ने ही अगवा कर लिया था। कमला नगर पुलिस ने नाबालिग को बरामद कर उसे स्वजनों के सुपुर्द किया है। परिजनों ने झांसी में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी थी। बाद में एनजीओ की मदद से बच्ची को रेस्क्यू कर पुलिस ने सकुशल बरामद किया। कमला नगर थाना प्रभारी अनिल वाजपेयी ने बताया कि जनसंवेदना नाम के एनजीओ के प्रतिनिधियों को आकृति गार्डन इलाके में एक नाबालिग काम करते दिखी थी। इस बच्ची की उम्र करीब 10-12 साल लग रही थी, लेकिन उसकी मांग भरी हुई थी। उन्हें बाल-विवाह व बालश्रम का मामला लगा, इसलिए उन्होंने बच्ची पर नजर रखना शुरू कर दिया। पूरी तरह से मामले की तस्दीक करने पर उन्हें पता चला कि बच्ची को झांसी से अगवा कर लाया गया तथा दस साल में ही उसकी शादी एक नाबालिग लड़के से कर दी गई है। एनजीओ और सीडब्ल्यूसी से जानकारी मिलते ही कमला नगर पुलिस सक्रिय हुई तथा उसने नाबालिग से उसके परिवार के बारे में पूछताछ की। इसके तुरंत बाद ही नाबालिग के पिता को झांसी से भोपाल बुला लिया गया तथा उससे पूरी बात पूछी गई। पिता ने बताया कि वह महेश कुशवाहा नाम के एक व्यक्ति के साथ मजदूरी करता था। दोनों साथ में काम करते थे, इसलिए उनका एक-दूसरे के घर भी आना-जाना था। महेश ने ही उसे धोखा दिया तथा मार्च 2022 में उसकी लड़की को अगवा कर लिया। महेश ने अपने नाबालिग बेटे के साथ उसकी बेटी की शादी करा दी। यह बेटा एक साल से मासूम के साथ ज्यादती कर रहा था। महेश और उसके दूसरे बेटे ने भी मासूम के साथ ज्यादती करने की कोशिश की। पिता की शिकायत के बाद कमला नगर पुलिस ने महेश कुशवाहा, रोशनी ममता, शिवम व उसके दोनों नाबालिग बेटों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया। इसमें एक नाबालिग बेटे के खिलाफ दुष्कर्म का मामला बनाया गया, जबकि महेश व अन्य बेटे के खिलाफ अगवा व छेडख़ानी का प्रकरण दर्ज किया गया है। एक साल से नाबालिग का शारीरिक शोषण भी किया जा रहा है। यह पता चलते ही एनजीओ ने उसे वहां से रेस्क्यू किया तथा सीडब्ल्यूसी के सामने पेश कर दिया।