बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार की ओर से बड़े-बड़े दावे किए जाते है, लेकिन हकीकत कुछ और दिखाई देती है. कुछ ऐसे ही दावों की पोल खुली बेगूसराय के सदर अस्पताल की. जब जदयू विधायक राजकुमार सिंह ने अस्पताल का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने कई खामियां पाई. विधायक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सूबे के नंबर वन अस्पताल कहे जाने वाले बेगूसराय सदर अस्पताल के डॉक्टर ही जब खुद बीमार है तो वो दूसरो का इलाज क्या करेंगे?

दरअसल, मटिहानी के जदयू विधायक और सत्तारूढ़ दल के सचेतक राजकुमार सिंह बम धमाके में घायल बच्चों से मिलने सदर अस्पताल पहुंचे थे. इस दौरान बच्चों की गंभीर हालत को देखकर राजकुमार सिंह डॉक्टर की खोज करने लगे तो इमरजेंसी ड्यूटी में तैनात एक मात्र डॉक्टर ने बच्चों के इलाज करने से मना नहीं कर दिया. साथ ही जदयू विधायक से मिलने से भी इंकार कर दिया. इसके बाद विधायक गुस्सा हो गए और डॉक्टर चन्दन कुमार को खूब-खरी खोटी सुनाई. उन्हें डॉक्टरी पेशे का तरीका और इसके साइकोलॉजी का पाठ भी पढ़ाया. 

इस दौरान डॉक्टर ड्यूटी करने के बजाय विधायक से बहस करने लगा. जदयू विधायक राजकुमार सिंह ने डॉक्टर पर FIR दर्ज करने बात कही. इसके बावजूद डॉक्टर बच्चों का इलाज करने से इनकार कर दिया. उन्होंने सदर अस्पताल की व्यवस्था के संबंध में कहा कि यहां तैनात डॉक्टर जब खुद बीमार है तो वो इलाज क्या करेंगे? 

विधायक राजकुमार सिंह ने सिविल सर्जन प्रमोद कुमार को फोन कर सदर अस्पताल बुलाया. इसके बाद विधायक ने सिविल सर्जन को पूरे हालात से अवगत कराया और डॉक्टर चन्दन की शिकायत की. इससे सिविल सर्जन भी परेशान दिखे. बता दें कि 28 नवंबर, 2023 दिन मंगलवार को नावकोठी थाना क्षेत्र के पहसारा गांव में एक खंडहरनुमा घर मे रखे बम के ब्लास्ट होने से 6 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. इसी सिलसिले में उन्हें देखने के लिए मटिहानी के जदयू विधायक राजकुमार सिंह सदर अस्पताल पहुंचे थे.