म्यूचुअल फंड में निवेश करना हुआ ज्यादा सुरक्षित
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने म्यूचुअल फंड यूनिट के लेनदेन को लेकर कुछ स्पष्टीकरण जारी किये। साथ ही निवेश राशि को भुनाने के मामले में सत्यापन को लेकर भी दिशानिर्देश भी जारी किये। यह स्पष्टीकरण शेयर बाजार प्लेटफॉर्म पर म्यूचुअल फंड यूनिट में लेन-देन से संबंधित है। यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म समेत अन्य इकाइयों के लिये भी है। अक्टूबर, 2021 में जारी सर्कुलर के मुताबिक, म्यूचुअल फंड लेनदेन को लेकर शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्य म्यूचुअल फंड लेनदेन के लिए अपने नाम पर जारी भुगतान स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि, अब नियामक ने कहा कि सेबी से मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कॉरपोरेशन के सदस्य भुगतान स्वीकार कर सकते हैं।
सेबी ने कहा, 1 अप्रैल 2022 के बाद से सेबी से मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कॉरपोरेशन के पक्ष में देय रकम ही स्वीकार की जाएगी। यह राशि केवल म्यूचुअल फंड योजनाओं की खरीद को लेकर होगी, किसी अन्य उद्देश्य के लिये नहीं। म्यूचुअल फंड लेनदेन के लिए इस्तेमाल की जा रही भुगतान की मौजूदा व्यवस्था शेयर ब्रोकर / क्लियरिंग कॉरपोरेशन के सदस्यों के नाम पर बनी रह सकती है। हालांकि, इसके लिये जरूरी है कि भुगतान स्वीकार करने वाले ऐसी व्यवस्था रखेंगे जिसमें जो लाभार्थी होगा, वह केवल स्वीकृत खाता ही होगा। यह खाता केवल समाशोधन निगम का होगा।सेबी 1 मई से स्विंग प्राइसिंग मैकेनिज्म लागू करेगा। म्चूयुअल फंड योजनाओं के लिए लागू होने वाला यह मैकेनिज्म इसलिए तैयार किया गया है ताकि वोलेटाइल मार्केट में बड़े निवेशकों एकाएक अपना पूरा पैसा न निकाल लें। स्विंग प्राइजिंग को लागू करने पर फंड में निवेश और निकासी के दौरान निवेशकों को वह एनएवी मिलेगी जो स्विंग फैक्टर के तहत एडजस्ट की गई है।