राज्य के डिग्री संबद्ध एवं अंगीभूत काॅलेजों में इस वर्ष भी इंटरमीडिएट में नामांकन होगा। इस वर्ष दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए यह राहत की खबर है। हालांकि, इस वर्ष इन काॅलेजों की सीटों में कटौती की गई है। साथ ही सभी श्रेणी की काॅलेजों की सीटें तय कर दी गई है।

पिछले साल लिया गया था निर्णय

दरअसल, राज्य सरकार ने पिछले वर्ष यह निर्णय लिया था कि राज्य के डिग्री एवं अंगीभूत काॅलेजों में चरणबद्ध ढंग से इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद की जाएगी। नामांकन के लिए उपलब्ध सीटों की संख्या में कटौती करते हुए अगले दो-तीन सत्रों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को पूरी तरह इन काॅलेजों से अलग कर दिया जाएगा।

यह निर्णय 28 जून, 2023 को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की बैठक में लिया गया था, जिसमें झारखंड एकेडमिक काउंसिल के पदाधिकारी भी उपस्थित थे। विभाग के इस निर्णय के आलोक में काउंसिल ने 13 मार्च को बैठक कर सीटों में कटौती करते हुए शैक्षणिक सत्र 2024-26 में नामांकन के लिए सीटों का निर्धारण कर दिया है।

साथ ही सभी काॅलेजों को इस सत्र में निर्धारित सीटों के विरुद्ध ही नामांकन सुनिश्चित करने को कहा है। यह चेतावनी भी दी है कि निर्धारित सीटों से अधिक नामांकन लेने पर विद्यार्थियों का पंजीयन नहीं किया जाएगा तथा इसके लिए कालेज ही जिम्मेदार होंगे। साथ ही नामांकित विद्यार्थियों का डाटा यूडायस प्लस के पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं।

किस श्रेणी के कालेज में होगा कितना नामांकन (प्रत्येक संकाय में)

स्थापना अनुमति प्राप्त इंटर कालेज : 128
स्थायी प्रस्वीकृति प्राप्त इंटर कालेज : 384
डिग्री संबद्ध कालेज : 256
अंगीभूत कालेज : 384

वित्त रहित काॅलेजों ने किया विरोध, आंदोलन की चेतावनी

इधर, संबद्ध तथा अंगीभूत काॅलेजों में नामांकन की अनुमति तथा स्थापना अनुमति एवं प्रस्वीकृति प्राप्त काॅलेजों की सीटें तय करने का वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने विरोध किया है। इसे लेकर काउंसिल कार्यालय के घेराव व उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इसकी रणनीति तैयार करने के लिए मोर्चा ने 23 मार्च को आपात बैठक बुलाई है।

मोर्चा का कहना है कि काउंसिल राज्य में संचालित प्रस्वीकृत एवं स्थापना अनुमति इंटर काॅलेजों के अस्तित्व को समाप्त करना चाहता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्पष्ट है कि अब डिग्री संबद्ध एवं अंगीभूत काॅलेजों में छात्रों का नामांकन इंटर में नहीं होगा। बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक सहित कई राज्यों में इसे लागू भी किया गया है।

मोर्चा ने जैक के निर्णय के विरोध में कोर्ट में भी जाने की चेतावनी दी है। मोर्चा के रघुनाथ सिंह ने कहा कि स्थापना अनुमति एवं प्रस्वीकृति प्राप्त कालेजों की सीटें सीमित कर देने से बड़ी संख्या में गरीब बच्चे नामांकन से वंचित हो जाएंगे।