इंदाैर।   बीते सप्ताह सुपर कारिडोर पर दो पहिया वाहन सवार तीन लोगों की जान लेने वाली किड्स कालेज की बस भले ही सारे मानकों को पूरा कर रही थी। लेकिन इसके चालक के पास स्कूली वाहन चलाने का पर्याप्त अनुभव नहीं था। इसका खुलासा आरटीओ द्वारा की गई जांच में हुई है। आरटीओ ने रिपोर्ट एडीएम को सोंप दिया है। कलेक्टर मनीष सिंह ने मामले की जांच के आदेश एडीएम पवन जैन को दिए हैं, जो आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस से जांच करवा रहे हैं। आरटीओ ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिससे अब स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करने की संभावना है।

जानकारी के अनुसार घटना के अगले दिन ही आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने दुर्घटनाग्रस्त बस का निरीक्षण किया था। इसमें बस सभी मानकों को पूरा करती पाई गई थी। उसके परमिट, फिटनेस भी पूरे थे, जिससे कहा जा रहा था कि मामले में बस की गलती नहीं है। आरटीओ ने जांच की तो पता चला कि नियम अनुसार बस के चालक के पास नियमानुसार पांच साल का कर्मशियल वाहन चलाने का अनुभव होना चाहिए। लेकिन किड्स कालेज के चालक के पास यह अनुभव नहीं था और वह स्कूली बस चला रहा था। आरटीओ जितेन्द्र सिंह रघुवंशी ने अपनी रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया है और रिपोर्ट को एडीएम को सौंप दी गई है। सूत्रों ने बताया कि अब मामले में स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी।

आधे से ज्यादा स्कूलों में ऐसे ही हालात

जानकारी के अनुसार अगर सभी स्कूलों की जांच की जाए तो इस प्रकार की गड़बड़ी पाई जाएगी। इसमें चालक परिचालक इस तरह से नियमों का पालन नहीं करते है। इसके अलावा अधिकांश स्कूल बसों के कंडक्टरों के पास आरटीओ से जारी होने वाला कंडक्टर लाइसेंस भी नहीं है।