भारत ने शनिवार को जापान के साप्पोरो में जलवायु ऊर्जा और पर्यावरण पर जी-7 देशों के मंत्रियों की बैठक में कहा कि 2050 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए विकसित देशों को अपने उत्सर्जन में कमी के प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता होगी।केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने जी-7 मंत्रियों की बैठक के पूर्ण सत्र में कहा कि इससे भारत जैसे विकासशील देशों के लिए अपने लोगों की जरूरतों को पूरा करने के अवसर पैदा होंगे। ऐसा होने से जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण क्षरण और प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों के खिलाफ लचीलेपन की स्थिति बनेगी।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए कार्यान्वयन, वित्त और प्रौद्योगिकी के पर्याप्त साधनों तक पहुंच की आवश्यकता है।उन्होंने कहा, 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन पर पहुंचने के वैश्विक लक्ष्य को हासिल करने के लिए विकसित देशों की ओर से उत्सर्जन में कमी करने की आवश्यकता है। यह भारत जैसे देशों को विकास की राहत पर आगे बढ़ने में मदद करेगा और जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण क्षरण और प्रदूषण के प्रभावों से बचाएगा।मंत्री के हवाले से एक बयान में कहा गया है, हम उम्मीद करते हैं कि विकसित देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्त पोषण पर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेंगे और पर्यावरणीय क्षरण और जैव विविधता के नुकसान से निपटने की दिशा में काम करेंगे।