कानपुर। अवैध ढंग से ट्रेनों में खाना व पानी बेचने वाले वेंडर आउटर पर ट्रेनों की गति धीमी होते ही खाने का आर्डर लेने के लिए चढ़ जाते हैं। इसके बाद उनकी दूसरी टीम सेंट्रल पर ट्रेन पहुंचते ही खाने की आपूर्ति करती है। इनकी धरपकड़ के लिए अब आरपीएफ ने विशेष टीमें लगाई हैं।

आरपीएफ कानपुर सेंट्रल पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक बीपी सिंह ने बताया कि पांच पकड़े गए वेंडरों से पता चला है कि खान पान सामग्री ट्रेनों तक पहुंचाने के लिए नया फंडा अपनाया गया है।

ऐसे पहुंचाते हैं खाना

गोविंदपुरी, झकरकटी, गंगा ब्रिज बायां किनारा, चंदारी रेलवे स्टेशनों के आउटर पर पहुंचने के बाद ट्रेनों के धीमे होते ही अनाधिकृत वेंडर कोच में पहुंच जाते हैं। वहां ये लोग खानपान सामग्री का आर्डर लेते हैं। इसके बाद दूसरी टीमों से फोन पर बातचीत कर उन्हें सामग्री नोट करा देते हैं। ट्रेन के सेंट्रल स्टेशन पहुंचने तक वह खाना पैक होकर संबंधित कोच में पहुंचा दिया जाता है। इनके पास कोई मेडिकल प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण खान पान सामग्री खराब होने की आशंका रहती है। अब इनकी धरपकड़ के लिए आउटर पर भी टीमें लगाई गई हैं।

प्लेटफार्मों में हुई छापेमारी

सेंट्रल स्टेशन रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट की टीमों ने मंगलवार तड़के ट्रेनों व सभी प्लेटफार्मों में छापेमारी की। इस दौरान कई वेंडर बासी खाना फेंक कर भाग निकले। खराब खान पान सामग्री बेचकर हजारों यात्रियों के लिए खतरा बने अनाधिकृत वेंडरों की जांच में पांच की गिरफ्तारी भी हुई। इनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। अब रेलवे कोर्ट प्रयागराज के माध्यम से जुर्माना वसूला जाएगा।

अराजकतत्वों पर निगाह रखना मकसद

सेंट्रल स्टेशन आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक बीपी सिंह ने बताया कि लोकसभा चुनाव व नवरात्र को लेकर मंगलवार को सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्मों, दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों पर छापा मारा गया। इसके पीछे अराजकतत्वों पर निगाह रखना मकसद था। यात्रियों को सुरक्षा का अहसास कराया गया। इस दौरान संदिग्ध व्यक्तियों व सामान की भी पड़ताल की गई।

छापेमारी से वेंडरों में मची भगदड़

अवैध तरीके से खानपान सामग्री व पानी बेच रहे वेंडरों में भगदड़ मच गई। दौड़ाकर पांच को पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि आरपीएफ की आधा दर्जन टीमें जांच के लिए सेंट्रल स्टेशन पर लगाई गई हैं। यात्रियों को प्रतिबंधित सामान, शराब, नशीले पदार्थ व नकदी आदि की सूचना तत्काल रेलवे हेल्पलाइन 183 पर देने की जानकारी दी गई है।