भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज मनाई जाती है. इस बार हरतालिका तीज 18 सितंबर, सोमवार को मनाई जाएगी. इसको हरितालिका तीज एवं हरतालिका तीज के नाम से भी जाना जाता है.

इस पर्व का संबंध शिव जी से है और 'हर' शिव जी का नाम हैं इसलिए हरतालिका तीज अधिक उपयुक्त है. महिलाएं इस दिन निर्जल व्रत रखने का संकल्प लेती हैं. हालांकि इस के चलते महिलाओं या कुंवारी कन्याओं को मासिक धर्म का सामना करना पड़ें तो फिर इस व्रत को किस प्रकार से रखा जाना चाहिए. आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...

मासिक धर्म के दौरान हरतालिका तीज व्रत के नियम:-
- अगर आप तीज के पहले से ही माहवारी या मासिक धर्म में हैं तो आपको फिर यह व्रत नहीं रखना चाहिए. किन्तु व्रत वाले दिन ही अगर आपको यह शिकायत होती है, तो फिर आप व्रत रख सकती है.
- मासिक धर्म के चलते रखे गए तथा साधारण रखे गए व्रत में कोई अंतर नहीं होता है, हालांकि आपको कुछ छोटी-मोटी चीजों पर ध्यान देना होता है.
- इस दिन आपको स्नान करने के पश्चात् कोरे वस्त्र पहनने चाहिए और पूरा श्रृंगार करना चाहिए.
- यह व्रत निर्जला व्रत होता है तथा आपको भी यह व्रत इसी तरह से रखना है.
- मासिक धर्म से गुजर रही महिलाएं पूजन की किसी भी वस्तु को न छूए.
- हरतालिका तीज के दिन माता पार्वती, भगवान शिव और श्री गणेश का पूजन होता है. अतः आप यह ध्यान रखें कि शिव परिवार को लगने वाले भोग को आप न छूए.
- साथ ही आप इस बात का ध्यान रखें कि आपको भगवान की प्रतिमा या चित्र को भी नहीं छूना है.
- मसिक धर्म में व्रत रखने वाली महिलाएं या कन्याएं इस दिन शिव-पार्वती तथा गणेश जी का पूजन स्वयं न करें, बल्कि आपको यह कार्य घर की किसी अन्य महिला से कराना चाहिए.
- हरतालिका तीज के व्रत वाले दिन रात्रि जागरण का नियम भी है, अतः आप भी रात्रि जागरण जरूर करें.