'मुझे स्मृति ईरानी पर तरस आता है क्योंकि....
मुंबई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी वायनाड के अलावा रायबरेली से चुनाव लड़ने वाले हैं। कांग्रेस नेता ने शुक्रवार को रायबरेली से नामांकन भी भर दिया।
अटकलें लगाई जा रही थी कि राहुल गांधी अमेठी से स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन पार्टी ने किशोरी लाल शर्मा (केएल शर्मा) को उम्मीदवार बना दिया। कांग्रेस के इस फैसले पर पीएम मोदी समेत भाजपा के कई नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी चुनाव में हार की डर की वजह से अमेठी से चुनाव नहीं लड़ रहे।
वहीं, भाजपा नेताओं के इस बयान पर शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने शनिवार (4 मई) को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अमेठी से कांग्रेस की ओर से और भी नेताओं ने चुनाव लड़ा है, जो गांधी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते थे।
स्मृति ईरानी पर दया और तरस आती है
संजय राउत ने आगे कहा,"मुझे स्मृति ईरानी पर दया और तरस आती है क्योंकि वो अब राहुल गांधी के पीए से चुनाव हारने वाली हैं। ये बहुत सोच-समझकर लिया हुआ निर्णय है, जो केएल शर्मा हैं वो कांग्रेस के वफादार उम्मीदवार हैं। वो एक बहुत ही जमीनी कार्यकर्ता हैं। वो कांग्रेस के ही कार्यकर्ता है। बीजेपी की तरह कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के लिए बाहर से तो उम्मीदवार नहीं लेकर आई।"
राहुल जी ने विरासत कर लगा दिया: संजय निरुपम
राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने पर कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरुपम ने शनिवार को तंज कसा है। उन्होंने कहा,"राहुल गांधी जिस तरह से हार के डर से अमेठी से भागे हैं। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल को नुकसान होगा। ऐसा लगता है कि राहुल जी ने विरासत कर लगा दिया है और सिर्फ रायबरेली को अपने पास रखा है बाकी छोड़ दिया।"
इसके अलावा,भाजपा नेता अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट लिखा,"आखिरकार राहुल गांधी ने अमेठी छोड़ दिया। हारने वाले अक्सर ऐसा करते हैं। इसमें कोई आश्चर्य तो नहीं है। यह भी स्वीकारोक्ति है कि राहुल गांधी जीत नहीं सकते।"