बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति करते देख शहनाज के पति ने उन्हें तीन तलाक दे दिया। सैहनाज घर पहुंची, उसके पति को समझाने के बजाय घरवाले उल्टा उसे ही कोसने लगे।

संकट के समय में जब कोई सहारा ना बना, तब शहनाज ने बचपन के साथी पवन को आपबीती सुनाई। धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ीं और दोनों ने एक होने का फैसला कर लिया। घरवाले बाधा बने तो घर छोड़ दिया और अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंचकर पवन से हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह कर लिया।

शहनाज बनी आरोही

शहनाज की अब नई पहचान आरोही बन गई है। शहनाज और पवन कुमार फरीदपुर के ढकनी रजपुरी गांव के रहने वाले हैं। पवन के मुताबिक, शहनाज को वह बचपन से जानते हैं। वह बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण की भक्त थीं। घर पर भी भगवान की पूजा करतीं। घरवाले इसका विरोध करते, उसके बावजूद भी वह ना मानी।

इसके बाद घरवालों ने साल 2018 में उसका निकाह कर दिया। निकाह के करीब दो महीने बाद एक दिन उसके पति ने शहनाज को भगवान कृष्ण की पूजा करते देख लिया। वह कुछ कह पाती कि उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया और घर से निकाल दिया।

घरवाले भी शहनाज को ताना देने लगे। वह घुट-घुट कर जीवन जीने को मजबूर हो गई। इसी बीच एक दिन उसने पूरा घटनाक्रम बताया। बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ और दोनों नजदीक आ गए जिसके बाद उसने विवाह का फैसला किया।

शहनाज के घरवालों को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध किया। इसी के बाद दोनों गुपचुप घर से निकल आए। मढ़ीनाथ स्थित अगस्त्य मुनि आश्रम पहुंचे। महंत पंडित केके शंखधार को पूरी बात बताई और विवाह की इच्छा जताई, जिसके बाद महंत ने पहले शहनाज का शुद्धीकरण कराया फिर मंत्रोच्चारण के बीच दोनों ने सात फेरे लिए और एक-दूसरे के हो गए।

पवन से विवाह के बाद शहनाज ने अपना नाम बदलकर आरोही रख लिया है।

दोनों साथ में जान देने का बना चुके थे मन

दोनों इस कदर परेशान हो गए थे कि घर से जान देने की बात सोचकर निकले थे। महंत के अनुसार, पवन कुमार ने बताया कि दोनों साथ-साथ ट्रेन के नीचे आकर जान देने जा रहे थे। इसी दौरान एक व्यक्ति मिल गया। उसने पूरी बात पूछी फिर अगस्त्य मुनि आश्रम जाने की बात कही। वहां पहुंचने के बाद दोनों का मन बदल गया।

पवन इंटर पास हैं। दोनों ने कहा कि हम बालिक हैं। अपनी मर्जी से एक होने का फैसला लिया है। पुलिस-प्रशासन दोनों ने सुरक्षा की गुहार लगाई।