मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक बुलाई है। बैठक में विधानसभा के शीतकालीन सत्र तथा ईडी की कार्रवाई समेत अन्य राजनीतिक मुद्दों पर विमर्श होगा। मुख्यमंत्री हेमंत को पूछताछ के लिए ईडी छह समन भेज चुकी है। पिछला समन उन्हें मंगलवार को ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित होने के लिए प्रेषित किया गया था।

ईडी के सामने उपस्थिति के लिए कोर्ट से बनाया जा सकता दबाव

उन्होंने ईडी से पूछा है कि उन्हें किस वजह से पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इसके बाद ईडी के अगले रुख पर सबकी नजरें टिकी हैं। ईडी ने विकल्पों पर विमर्श करना आरंभ कर दिया है। ईडी के सूत्रों के अनुसार, अब कोर्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री की उपस्थिति के लिए दबाव बनाया जा सकता है। हालांकि, समन की कोई सीमा नहीं है।

केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी इसके लिए विधि विशेषज्ञों से सलाह कर रहे हैं। बताया जा रहा है किह जल्द ही किसी नतीजे पर पहुंचने के बाद ईडी इस मामले में अगला कदम उठाएगी। ईडी के अधिकारियों ने पूरी वस्तुस्थिति से मुख्यालय को भी अवगत करा दिया है। मुख्यालय से निर्देश आने के बाद ईडी के अधिकारी आगे की कार्रवाई करेंगे।

झामुमो के विधायकों को एकजुट करने पर रणनीति

इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सरकारी आवास पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक शाम चार बजे शुरू होगी। इसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद समेत सरकार को समर्थन दे रहे अन्य विधायक शामिल होंगे। बैठक बुलाने का कारण विधानसभा का शीतकालीन सत्र बताया जा रहा है, लेकिन इसी बहाने विधायकों को एकजुट रखने की रणनीति पर भी चर्चा होगी। इसकी वजह राजभवन का रुख है।

बताते चलें कि हाल ही में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने निर्वाचन आयोग के उस पुराने लिफाफे का उल्लेख कर सरगर्मी बढ़ा दी है, जिसमें हेमंत सोरेन के नाम पत्थर खनन लीज प्रकरण को लेकर निर्देश का जिक्र है। राज्यपाल ने कहा था कि जिन्होंने गलत किया है, उन्हें सजा मिलेगी।

हालांकि, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लिफाफे को महज शिगूफा बताया है, लेकिन राज्यपाल के बयान के मायने निकाले जा रहे हैं। जब निर्वाचन आयोग ने पत्राचार किया था तो खूब आपाधापी मची थी। यही वजह है कि झामुमो के विधायकों को एकजुट रखने को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। निर्देश दिया गया है कि सभी विधायक बैठक में उपस्थित रहें।

भाजपा विधायक दल की बैठक आज, बाबूलाल करेंगे अध्यक्षता

झारखंड विधानसभा के 15 दिसंबर से आयोजित होने वाले शीतकालीन सत्र को लेकर रणनीति तय करने के लिए भाजपा विधायक दल की बैठक गुरुवार शाम सात बजे से आयोजित की गई है। प्रदेश कार्यालय में शाम सात बजे से आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी करेंगे।

नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ,मुख्य सचेतक बिरंची नारायण, सचेतक जेपी पटेल सहित पार्टी के सभी विधायक शामिल होंगे। बैठक में हेमंत सरकार की नाकामियों पर सरकार को घेरने की रणनीति पर विस्तृत चर्चा होगी।

कल से आरंभ होगा विधानसभा का शीतकालीन सत्र

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से आरंभ होगा। सत्र 21 दिसंबर तक चलेगा। संभावना जताई जा रही है कि सरकार सत्र के दौरान स्थानीयता के निर्धारण के लिए 1932 के खतियान की बाध्यता संबंधी संशोधित विधेयक पेश कर सकती है।

राज्यपाल ने इसे पुनर्विचार के लिए सरकार को वापस किया था। राजभवन ने चतुर्थ वर्गीय पदों पर स्थानीय लोगों की बहाली की अनिवार्यता पर हामी भरी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा आरंभ से खतियान को स्थानीयता का आधार बनाने का पक्षधर है। शुक्रवार को ही सीएम ने मंत्रिपरिषद की बैठक भी बुलाई है।