इंदौर ।  बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी हादसे को लेकर हाई कोर्ट में प्रस्तुत याचिका में मंगलवार को सुनवाई होना है। हादसे को लेकर यह तीसरी जनहित याचिका है। इसमें शासन द्वारा मृतकों के स्वजन के लिए घोषित मुआवजे की गणना पर सवाल उठाए गए हैं। याचिका में इस गणना को चुनौती देते हुए कहा है कि शासन ने बगैर कुछ सोचे समझे मुआवजे की गणना की है। इसमें कहा है कि जिस तरह से सड़क दुर्घटना के मामलों में मुआवजे की गणना मृतक की उम्र, आय, आश्रितों की संख्या के हिसाब से की जाती है उसी तरह से इस हादसे में मृतकों के स्वजन के लिए मुआवजे की गणना की जाए। वर्तमान में शासन ने सभी मृतकों के स्वजन के लिए पांच-पाच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। यह सही नहीं है। याचिका में हादसे के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग भी की गई है। हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका राजेंद्र अटल नामक व्यक्ति ने एडवोकेट चंचल गुप्ता के माध्यम से प्रस्तुत की है। इस हादसे को लेकर इसके पहले भी तीन अन्य जनहित याचिकाएं हाई कोर्ट में प्रस्तुत हो चुकी हैं। इनमें से दो में सोमवार को ही सुनवाई हुई थी। इन दोनों जनहित याचिकाओं में कोर्ट ने बेलेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट को भी पक्षकार बनाने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि 30 मार्च 2023 को हुए बेलेश्वर महादेव मंदिर बावड़ी हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी। ये लोग रामनवमी के अवसर पर मंदिर में आयोजित हवन में शामिल होने के लिए वहां गए थे। जिस जगह बैठकर ये लोग हवन कर रहे थे उसके नीचे लगभग 80 फीट गहरी बावड़ी थी। हवन के दौरान बावड़ी का स्लैब टूटा और हवन कर रहे लोग बावड़ी में गिर पड़े।