जयपुरः राजस्थान में क़रीब तीन साल पहले के कांग्रेस के सियासी संकट के समय पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को निलंबित करने के विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय 24 अगस्त को अंतिम सुनवाई करेगा।

मंगलवार को जस्टिस एमएम श्रीवास्तव की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान न्यायालय के सामने आया कि मामले में केन्द्र सरकार ने तीन साल में भी जवाब पेश नहीं किया।

जुलाई 2020 का है मामला

इस पर न्यायालय ने केंद्र सरकार को तीन सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की अंतिम सुनवाई 24 अगस्त को तय की है। दरअसल, यह मामला जुलाई 2020 का है। जब सियासी संकट के समय विधानसभा में तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने व्हिप जारी किया था। लेकिन फिर भी पायलट सहित 19 विधायक विधानसभा नहीं पहुंचे थे।

पायलट सहित अन्य विधायकों ने न्यायालय में चुनौती दी थी

इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों को निलंबित करने का नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया था। जिसे पायलट सहित अन्य विधायकों ने न्यायालय में चुनौती दी थी। इस पर न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर रोक लगा दी थी। हालांकि अम्ल न्यायालय में जाने के बाद कांग्रेस आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद पायलट खेमे ने बगावत का रास्ता छोड़ दिया था।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट के बीच मिलकर काम करने की सहमति बनी थी। लेकिन मामला न्यायालय में लंबित है। उस समय कांग्रेस का सियासी संकट दो महीने चला था। बाद में पायलट के साथ बगावत करने वाले विधायकों में गजेन्द्र सिंह व भंवरलाल शर्मा का निधन हो गया। ऐसे में अब यह मामला पायलट सहित 17 विधायकों का रह गया है।