पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट  ने लिव-इन रिलेशनशिप  में रहने वाले एक जोड़े पर बिना किसी कथित खतरे के सुरक्षा के लिए याचिका दायर करने पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। हाई कोर्ट के जस्टिस आलोक जैन  ने स्पष्ट किया कि जोड़े को पहली सुनवाई पर साफ कर दिया गया था कि अगर याची को कोई खतरा नहीं पाया गया तो 50,00 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

हाई कोर्ट ने बरवाला जिला हिसार के एक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की मांग को खारिज करते हुए यह आदेश दिया।कोर्ट ने कहा कि दंपत्ति द्वारा दी गई कहानी ठोस नहीं है और यह झूठ का पुलिंदा लगती है।पहली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि यह एक अजीब मामला है क्यों कि प्रथम याचिकाकर्ता, एक विवाहित महिला, दूसरे याचिकाकर्ता, जो अविवाहित है, के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगी।

कोर्ट ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता ने 17 जुलाई से राजस्थान में लिव-इन रिलेशनशिप में रहना शुरू किया , जो महिला का वैवाहिक घर है।उसके अनुसार एक सप्ताह पहले, उसने अपने माता-पिता को अपने रिश्ते के बारे में बताया था, उसके बाद उसके परिवार और फिर उसके पति ने उसे पीटा और कमरे में बंद कर दिया।

इसके बाद उसने हिसार के एसपी को सुरक्षा के लिए आवेदन भी दिया था। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में 19 जुलाई को सुरक्षा के लिए याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने पहली सुनवाई पर याची पक्ष को कहा कि वह मामले की जांच करवाएंगे अगर याची को कोई खतरा नहीं पाया गया तो पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।