जिले में डायरिया बीमारी बेकाबू हो गई है। लगातार इससे मौत हो रही है। हालांकि, प्रशासन इससे इन्कार कर रहा है। डायरिया से अब तक आधा दर्जन लोगों की मौत होने की बात सामने आ रही है। आदिवासी बहुल पहाड़ी क्षेत्र इससे ज्यादा प्रभावित है।

गांव के झोलाछाप डॉक्‍टर से इलाज कराना पड़ा महंगा

बोरियो प्रखंड के विशनपुर गांव की 15 वर्षीय अंजु बेसरा की मौत सोमवार को हो गई। उसके पिता जोहन बेसरा एवं मां सुसाना मरांडी ने बताया कि रविवार को अंजू बेसरा को डायरिया हो गया था। गांव में ही झोलाछाप डाक्टर से इलाज कराया। स्लाइन भी चढ़ाया गया था। स्थिति बिगड़ने पर सोमवार की सुबह गंभीर अवस्था में इलाज के लिए लेकर सीएचसी पहुंचे जहां मौके पर उपस्थित आयुष चिकित्सक डा. पंकज कुमार गुप्ता ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जिले में डायरिया मरीजों की बिगड़ती जा रही हालत

इससे पूर्व शीतलपुर के 54 वर्षीय कुशल किस्कू, छह वर्षीय दीपक किस्कू, 25 वर्षीय मंझली बास्की, मंझवैय की 20 वर्षीय मिरकू मुर्मू, रक्सो की 63 वर्षीय मरियम हांसदा, भतभंगा की 23 वर्षीय आशा मालतो, चार वर्षीय सोनाली पहाड़िन को इलाज के लिए सीएचसी में भर्ती कराया गया था। मंझली बास्की को बेहतर इलाज के लिए रविवार को सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया था। सीएचसी प्रभारी डा. सलखु चंद हांसदा ने कहा कि सीएचसी में सात डायरिया रोगी का इलाज जारी है। एक को रेफर किया गया है।

मामले की पड़ताल जारी

डायरिया फैलने की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में पहुंचकर मरीजों का उपचार किया। कुछ मरीजों को इलाज के लिए बरहेट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी भर्ती कराया गया है। सिविल सर्जन डा. अरविंद कुमार ने बताया कि बरहेट के कुछ गांव में डायरिया फैला है। कुछ मरीजों का इलाज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।