भोपाल ।   संकल्प पत्र 2023 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी भी है और विकसित मध्य प्रदेश के निर्माण का विजन डाक्यूमेंट भी है। सरकार ने संकल्प पत्र के बिंदुओं को धरातल पर उतरने का काम प्रारंभ भी कर दिया है। तेंदूपत्ता संग्रहण की दर तीन हजार प्रति मानक बोरा से बढ़कर चार हजार कर दी गई है। मध्य प्रदेश के मन में बसे मोदी की हर गारंटी को पूरा करने के उद्देश्य से संकल्प पत्र के प्रत्येक बिंदु को समय सीमा में क्रियान्वित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यह बात राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने मध्‍य प्रदेश विधानसभा में अपने अभिभाषण के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए सुशासन केवल एक शब्द नहीं बल्कि उसके हर अक्षर को सच्चे अर्थों में चरितार्थ करने का मंत्र है। एक जनवरी 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था को प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू करने का क्रांतिकारी निर्णय लिया गया है। संपदा 2 साफ्टवेयर भी प्रदेश में शीघ्र लागू किया जा रहा है, जिसके माध्यम से डिजिटल रजिस्ट्री की प्रक्रिया सरल और सुगम बनेगी। इस दौरान विपक्ष ने लाड़ली बहन योजना का उल्लेख न किए जाने पर टोकाटाकी की।

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कोई भी योजना बंद नहीं होगी

हालांकि, सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कोई भी योजना बंद नहीं होगी। केंद्रीय योजना का उल्लेख इसलिए किया गया क्योंकि उनमें राज्य का अंश भी रहता है। अभिभाषण पर प्रस्तुत कृतज्ञता प्रस्ताव पर गुरुवार को चर्चा होगी।

जिन गरीबों की कोई पूछपरख नहीं थी, उन्हें प्रधानमंत्री पूछते भी हैं और पूजते भी

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विगत साढ़े नौ वर्षों में भारत में सेवक सरकार के युग का प्रारंभ हुआ है। गरीब और वंचित, एक जमाने में जिनकी कोई पूछ परख नहीं थी प्रधानमंत्री उन्हें पूछते भी हैं और पूजते भी हैं। देश के गरीब, किसान, नारी शक्ति और युवा ही उनकी नजरों में सबसे बड़े वीआइपी हैं। इसी से प्रेरणा लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने संपूर्ण शक्ति के साथ समर्पित भाव से काम करने का प्रण लिया है। विकसित भारत संकल्प यात्रा का मध्य प्रदेश में 16 दिसंबर से शुभारंभ हो गया है।

सरकार ने गंभीर अपराधों में लिप्त रहे आदतन अपराधियों को कठोर दंड दिलवाने तथा ऐसे अपराधियों को न्यायालय से प्राप्त जमानत के लाभ के दुरुपयोग को रोकने, अनुपयोगी और खुले बोरवेल से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने, ध्वनि विस्तारक यंत्रों के वैधानिक प्रयोग पर नियंत्रण तथा मांस मछली के अनियंत्रित क्रय-विक्रय को प्रतिबंधित करने के लिए अभियान के रूप में कार्रवाई प्रारंभ कर सरकार ने यह स्पष्ट संदेश देने का प्रयास किया है कि सुशासन और कानून के राज बढ़कर कोई नहीं है।

पांच वर्षों में ढाई लाख सरकारी नौकरियों अवसर उपलब्ध कराएंगे

प्रदेश सरकार का संकल्प है कि आगामी पांच वर्षाें में ढाई लाख सरकारी नौकरियों के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। रोजगार मेलों का नियमित आयोजन होगा।
अगले सात वर्ष में प्रदेश को 45 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनने, 20 लाख करोड़ रुपये के निवेश से प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने का लक्ष्य।
महिला सशक्तीकरण के लिए कई कदम उठाए गए। अब तक पांच लाख से अधिक स्व-सहायता समूह से 61 लाख से अधिक महिलाओं को जोड़ा गया है।
विभिन्न योजनाओं के माध्यम से साढे़ तीन वर्षों में किसानों के खातों में लगभग तीन लाख करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गई है।
साढ़े चार हजार से अधिक सहकारी संस्थाओं का 145 करोड रुपये की लागत से कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है।
अगले 5 वर्षों में जनजातीय कल्याण के लिए तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक व्यय किए जाएंगे।
पेसा नियम के क्रियान्वयन से एक करोड़ से अधिक जनजातीय समुदाय लाभांवित हुआ है।
सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के अंतर्गत 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को जेनेटिक काउंसलिंग कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।
450 करोड़ रुपये से प्रदेश के सभी जिलों में चिन्हित महाविद्यालय को पीएम उत्कृष्टता महाविद्यालय के रूप में उन्नयन किया जाएगा।
आयुष्मान भारत योजना में तीन करोड़ 76 लाख कार्ड, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 82 लाख 38 हजार से अधिक निश्शुल्क गैस कनेक्शन, 66 लाख से अधिक परिवारों को नल जल योजना का लाभ, 5 करोड़ 37 लाख लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में निश्शुल्क खाद्यान्न और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ 83 लाख पात्र किसानों को मिल रहा है।
22 लाख से अधिक चिन्हित महिलाओं के खातों में गैस रिफिल योजना के अंतर्गत 220 करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं।
56 हजार करोड़ रुपये से अधिक पूंजीगत व्यय इस वर्ष किया जाएगा।
वर्ष 2025 तक 61 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के विस्तार का लक्ष्य है।
केन-बेतवा लिंक परियोजना का काम प्रारंभ हो गया है। नर्मदा जल का पूर्ण उपयोग 2024 तक सुनिश्चित करने के लक्ष्य को लेकर सरकार काम कर रही है।
अटल ग्रह ज्योति योजना में 103 लाख उपभोक्ताओं को सौ रुपये में सौ यूनिट बिजली दी जा रही है तो किसानों को अटल कृषि ज्योति योजना में 11 से 12 हजार करोड़ रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। अनुसूचित जाति जनजाति के नौ लाख से अधिक किसानों को निश्शुल्क को विद्युत प्रदान की जा रही है।
छह एक्सप्रेस वे का निर्माण किया जाएगा।
भोपाल, इंदौर की तर्ज पर जबलपुर और ग्वालियर के लिए मेट्रो रेल का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
नमामि नर्मदे योजना के अंतर्गत जबलपुर में 15 किलोमीटर का नर्मदा पथ और नर्मदा वन विकसित किया जाएगा।
नमामि गंगे योजना अंतर्गत शिप्रा नदी के शुद्धीकरण के लिए 611 करोड रुपए की स्वीकृति प्राप्त हुई है, जिसका काम शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा।
इंदौर, भोपाल और जबलपुर में इलेक्ट्रानिक वाहनों के संचालन को बढ़ावा देने प्राथमिकता पर ई-चार्जिंग अधोसंरचना का वि1कास किया जा रहा है।
उद्योगों के लिए एक लाख 25 हजार एकड़ से अधिक का लैंड बैंक उपलब्ध है।
प्रदेश में सात नए बड़े निवेश क्षेत्र और औद्योगिक गलियारा स्थापित किया जा रहे हैं।
अगले पांच वर्ष में स्टार्टअप की संख्या 10 हजार तक ले जाएंगे।
इंदौर में डाटा सेंटर पार्क और स्टार्टअप पार्क निर्माण के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के लिए 10 नए क्लस्टर विकसित किए जाने का लक्ष्य है।
देश का पहला यूटिलिटी माल उज्जैन में प्रारंभ किए जाने का लक्ष्य है।
चित्रकूट, खजुराहो, उज्जैन और भोपाल में सांस्कृतिक वनों का निर्माण किया जा रहा है।