भोपाल ।   राज्य सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के आईपीएस  एवं आईएएस अफसर नई पेंशन योजना (एनपीएस) के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ देने का रास्ता निकाल लिया है लेकिन मप्र शासन ने राज्य सेवा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एनपीएस के स्थान पर ओपीएस का लाभ देने की पहल तक शुरू नहीं की है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांग की है कि 2005 के बाद नियुक्त मध्य प्रदेश राज्य के अधिकारी कर्मचारियों को भी आईपीएस एवं आईएएस की तर्ज पर एनपीएस के स्थान पर ओपीएस का लाभ देने की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि राज्य सरकार ने 5 अक्टूबर को पांच आईएएस संजीव सिंह, राहुल जैन, जीबी रश्मि, एआर रघुराज एवं जान किंग्सली को एनपीएस के स्थान पर ओपीएस का लाभ देने का आदेश सामान्य प्रशासन विभाग से जारी कर था। अब सरकार ने पांच आईपीएस इरशाद वली, संजय कुमार, गौरव राजपूत, सुशांत  सक्सेना, डॉ. आशीष को नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का आदेश गृह विभाग मध्य प्रदेश शासन ने जारी किया है। लेकिन मध्य प्रदेश शासन मध्य प्रदेश राज्य सेवा के अधिकारियों-कर्मचारियों को एनपीएस के स्थान पर ओपीएस का लाभ नहीं दे रही है।

5 लाख एनपीएस के दायरे

मप्र के 5 लाख अधिकारी-कर्मचारी एनपीएस के दायरे में आते हैं और बरसों से अधिकारी-कर्मचारी नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करनी की मांग कर रहे हैं। जबकि ऐसे लाखों अधिकारी एवं कर्मचारी मध्य प्रदेश राज्य में नियुक्त हैं जो वर्ष 2005 की पूर्व शासन की विभिन्न विभागों में किसी न किसी रूप में सेवा में आ गए थे एवं शासकीय विभाग से वेतन प्राप्त कर रहे थे उनके पद भी वर्ष 2005 के पूर्व से स्वीकृत थे। लेकिन मध्य प्रदेश शासन ने ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जानकारी तक नहीं मंगा रहा है जिससे ओपीएस के लाभ से वंचित मध्य प्रदेश राज्य के एनपीएस धारक कर्मचारियों-अधिकारियों को भी अखिल भारतीय सेवा के आईपीएस एवं आईएएस अफसर के समान ही ओपीएस पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिल सके।