धनबाद में गैंगवार के किस्‍से मशहूर हैं। गोलीबारी, रंगदारी, हत्‍या जैसे अपराध यहां के लिए आम हैं, लेकिन इसी धनबाद के गोमो में एक ऐसा गांव है, जो किसी जन्‍नत से कम नहीं है। हम यहां बात कर रहे हैं कोरकोटा पंचायत के प्राकृतिक सौंदर्यता के बीच बसे आदिवासी बहुल जामुनटांड़ गांव की, जो अपने आप में एक मिसाल कायम किए हुए हैं। आज तक इस गांव का कोई भी मामला पुलिस स्‍टेशन पहीं पहुंचा है।

यहां के लोग एक परिवार की तरह आपस में प्रेम करते हैं। यहां किसी के प्र‍ति किसी के मन में कोई बैर नहीं है। गांव के सभी लोग सुख-दुख में एक दूसरे के साथ खड़े होते हैं। जहां एक ओर पूरे जिले में आपराधिक गतिविधियों के साथ-साथ घरेलू हिंसा के कई मामले सामने आ रहे हैं।वहीं यह गांव ऐसा है जहां न आज तक कोई अपराध हुआ और ना ही कोई घरेलू विवाद।

यही कारण है कि इस गांव के लोग खुशहाल हैं। गांव के 10 लोग सरकारी नौकरी में हैं, बाकी के लोग कृषि और मजदूरी से अपना जीवन यापन कर रहे हैं।ग्रामीणों ने बताया कि गांव में उच्च शिक्षा तथा खेल के मैदान की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण यहां के बच्चों को तीन किलोमीटर दूर गोमो जाना पड़ता है।

आदिवासी समाज के लिए नशा एक अभिशाप बन चुका है। समाज को नशामुक्त बनाने के लिए गांव की नई पीढ़ी लोगों को जागरूक करने में लगी हुई है। युवाओं का कहना है कि जल्द गांव में इसका असर देखने को मिलेगा।

गांव के लोगों ने बताया कि गांव में समस्या तो बहुत है, पर समस्या किसे सुनाएं इसलिए अपनी समस्या को हम खुद सुलझा लेते हैं। विधायक और सांसद केवल चुनाव के समय पर वोट मांगने आते हैं। विधायक तो कभी-कभी आ भी जाते हैं पर सांसद को आज तक हमलोगों ने नहीं देखा।