मुहर्रम पर शहर की सड़कों पर जंग-ए-कर्बला की झलक देखने को मिली। इमाम-ए-हुसैन की कुर्बानी की याद में शनिवार को मुहर्रम मनाया गया। विभिन्न क्षेत्रों से अखाड़ाधारियों ने ताजिया का जुलूस निकाला।

11 अखाड़ाधारियों ने निकाला मातमी जुलूस

राजधानी में 11 बजे विभिन्न अखाड़ाधारियों द्वारा मातमी जुलूस निकाला गया जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सभी जुलूस अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे। देशभक्ति और भाईचारगी की झलक देखने को मिली। कई अखाड़ा से तिरंगे झंडे के साथ जुलूस निकाला गया।

बुलंद हुए नारे

इस दौरान राजधानी की सड़कें इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद..., कर्बला की अजमत को लाखों सलाम..., नाना के लाडले को लाखों सलाम...आदि नारों से गुंजायमान रहा। जुलूस में शामिल युवाओं ने लाठी व तलवारबाजी का हैरतअंगेज करतब भी दिखाये। धवताल, इमाम बख्श और लीलू अखाड़ा के साथ अन्य अखाड़ों का जुलूस उर्दू लाइब्रेरी, श्रद्धानंद रोड, महावीर चौक होते हुए मुख्य इमामबाड़ा पहुंचा। वहां पर इन अखाड़ों को सलामी दी गई। इसके बाद जुलूस कर्बला चौक स्थित कर्बला पहुंचा वहां पर फातिहा हुआ। दूसरी ओर शिया समुदाय की ओर से जंजीरी मातमी जुलूस निकाला गया। शिया समुदाय का जुलूस दोपहर एक बजे अंसार नगर स्थित मस्जिद ए जाफरिया से निकला। जुलूस चर्च रोड, टैक्सी स्टैंड, उर्दू लाईब्रेरी से फतेउल्लाह रोड होते हुए कर्बला चौक इमामबाड़ा पहुंचकर समाप्त हुआ।