चंडीगढ़। पीजीआइ में छह अमृत फार्मेसी और दो जन औषधि केंद्र निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि पीजीआइ में छह अमृत फार्मेसी और दो जन औषधि केंद्र खुले हैं। उन्होंने कहा बीते तीन महीने में पीजीआइ में स्थित छह अमृत फार्मेसी ने जेनेरिक दवाईयों, स्टंट और सर्जिकल उपकरणों के जरिए कुल 44 करोड़ रुपये की बिक्री की है।

यहां तक की पीजीआइ के न्यू ओपीडी ब्लाक में और एक अन्य जन औषधि केंद्र से बीते तीन महीने में 70 लाख रुपये की जेनेरिक दवाईयां मरीजों को दी गई है।

इमरजेंसी में भी खुलेगा जन औषधि केंद्र

उप निदेशक कुमार गौरव धवन ने एक सवाल के जवाब में कहा जल्द ही पीजीआइ के इमरजेंसी ब्लाक में भी जन औषधि केंद्र खोलने का प्रयास किया जाएगा। बता दें इमरजेंसी ब्लाक में इस समय एक प्राइवेट केमिस्ट है, लेकिन यहां मरीजों को जेनेरिक दवाईयां उपलब्ध नहीं होती है।

उप निदेशक ने कहा इमरजेंसी में कई प्रकार के मरीज इलाज के लिए आते हैं, ऐसे में संस्थान के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि मरीज को सभी प्रकार की दवाइ्रयां उपलब्ध हो। उन्होंने कहा जेनेरिक दवाईयों में कभी कभार कई मर्ज में इस्तेमाल होने वाली दवाईयां जिन साल्ट से बनी होती है, वह जेनेरिक दवाईयों में उपलब्ध नहीं होती, ऐसे मामले में बा्रंडेड दवाईयों का सहारा लेना पड़ता है।

मरीजों को जेनेरिक दवाईयां लिखने की सख्त हिदायत

प्रो. लाल ने कहा उन्होंने पीजीआइ के सभी विभागों के प्रमुखों को लिखित निर्देश जारी कर मरीजों को जेनेरिक दवाईयां लिखने के लिए कहा है। उन्होंने एक आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि पीजीआइ में बीते साल में न्यू ओपीडी में 28 लाख मरीजों को देखा गया। इनमें से 88 प्रतिशत मरीजों को जेनेरिक और सिर्फ 12 प्रतिशत मरीजों को जेनेरिक में उस साल्ट की दवाई उपलब्ध न होने पर ब्रांडेड दवाईयां लिखी गई।