प्रयागराज। बारिश के दौरान बुधवार को वज्रपात होने से चार जिंदगियां काल-कवलित हो गईं। प्रयागराज में तीन तो कौशांबी की एक की जान चली गई। इससे इनके परिवारों में कोहराम मच गया। प्रशासन की ओर से शुक्रवार को पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा।

प्रयागराज के जसरा के तातारगंज निवासी किसान नवल सिंह (50) बुधवार शाम अपने खेत में नाली बना रहे थे। तभी आकाश में बिजली कड़की और वज्रपात हो जाने से वह गंभीर रूप से झुलस गए। उनकी चीख सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग दौड़े। परिवार के लोग भी आ गए। उन्हें फौरन जसरा के निजी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सक ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

नवल के पिता अनंत बहादुर सिंह लगभग 25 वर्षों तक गांव के प्रधान रहे। दूसरी ओर हंडिया के अराव बनकट गांव में बुधवार दोपहर वज्रपात से श्रमिक रामजी (65) की मौत हो गई। वह पशुओं को चार दे रहे थे तभी उन पर वज्रपात हो गया। उन्हें तीन बेटे व तीन बेटियां हैं। उनकी मौत से पत्नी शांति का रो-रो कर बुरा हाल हो गया था। हंडिया के ही भूई गांव में काजल (12) पुत्री अनमोल की भी वज्रपात से मौत हो गई।

कौशांबी के पिपरी क्षेत्र में बूंदा गांव निवासी चंद्रशेखर उर्फ भुवर का 12 वर्षीय बेटा अंकज बुधवार को बकरी चराने के लिए बंद पड़े सार्वजनिक नलकूप की तरफ गया हुआ था। शाम पांच बजे वज्रपात होने से उसकी मौत हो गई। प्रयागराज के एडीएम वित्त एवं राजस्व जगदंबा सिंह ने बताया कि पीडि़त परिवार के खाते में गुरुवार को चार-चार लाख रुपये मुआवजा राशि भेज दी जाएगी।