जयपुर। इस साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसी बची नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है। जहां, कांग्रेस लगातार अपने पार्टी के नेता सचिन पायलट का विरोध झेल रही है, वहीं पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल, 2016 में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया शुक्रवार को एक बार फिर वापसी करते हुए भाजपा ज्वाइन कर लिया है।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया जयपुर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए हैं। इनके अलावा, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी रामदेव सिंह खरीवा, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पीआर मीणा, सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी गोपाल मीणा, नरसी किराड और हेमंत शर्मा भी भाजपा में शामिल हुए।

ग्रामीण विकास, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। महरिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपना इस्तीफा दे दिया। महरिया ने अपने इस्तीफे में राजस्थान सरकार को लेकर काफी हमला बोला है।उन्होंने गहलोत सरकार को घेरते हुए कहा कि कर्जमाफी और बेरोजगारी के वादों पर भरोसा करते हुए जितने लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया है, वे सभी ठगा हुआ महसूस कर रहे है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपने सारे वादे भूल चुकी है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने ट्विटर पर कहा, "कांग्रेस के झूठे वादों, भ्रष्टाचार, जंगलराज और प्रधानमंत्री मोदी की गरीब कल्याण योजनाओं से प्रेरित होकर कांग्रेस के जनाधार नेता, पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया पांच सिद्धांतों में विश्वास करते हुए भाजपा में शामिल हुए।"कांग्रेस की राजस्थान इकाई पार्टी आलाकमान के लिए आज भी एक सिरदर्द बना हुआ है। दरअसल, गहलोत और पायलट के बीच की तकरार अब भी जारी है, जो आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।हाल ही में, पायलट ने अजमेर से जयपुर तक पांच दिन की जन संघर्ष यात्रा निकाली थी। पायलट की मांग है कि गहलोत सरकार द्वारा पिछली सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार और पेपर लीक समेत कई मुद्दों की जांच के आदेश दिया जाए।