मलोट: गेहूं के सिकुंडे़ दानों पर केंद्र सरकार की ओर से कटौती लगाने के फैसले के विरोध में भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ओर से गिद्दड़बाहा व मलोट में रेलवे ट्रैक जाम पर धरना दिया गया। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर भड़ास निकाली।

उधर किसान के धरने के कारण पांच ट्रेनें प्रभावित हुईं। जोकि निर्धारित समय से चार से पांच घंटे देरी से चलीं। किसानों के धरने के कारण यह बठिंडा, श्रीगंगानगर सहित अन्य रेलवे स्टेशनों पर रोकनी पड़ी। गिद्दड़बाहा व मलोट स्टेशन पर 400 से अधिक यात्री ट्रेनें प्रभावित होने के कारण बसों व अन्य साधनों पर अधिक किराया खर्च कर अपने गंतव्य की ओर चलते देखे गए। किसानों का धरना शाम चार बजे तक चला।

यह ट्रेनें हुई प्रभावित

-मलोट से सुबह 11.59 बजे अंबाला से श्री गंगानगर को जाने वाली 14736 ट्रेन किसानों के धरने के कारण प्रभावित रही। इसको बठिंडा स्टेशन पर चार बजे तक रोके रखा।

-मलोट से दोपहर 12.45 बजे श्री गंगानगर से अंबाला को जाने वाली 14735 ट्रेन को अबोहर में रेलवे द्वारा रोका गया।

-दोपहर 3.05 बजे श्री गंगानगर से अंबाला इंटर सिटी जाने वाली 14528 ट्रेन को श्रीगंगानगर में रोका गया।

-दोपहर 3.35 बजे श्री गंगानगर से नादेड़ साहिब जाने वाली 12486 ट्रेन को श्री गंगानगर में रोका गया।

-शाम चार बजे फाजिल्का से बठिंडा जाने वाली 04552 ट्रेन को फाजिल्का में रोका गया।

-यह सभी ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से चलीं हैं। एक भी ट्रेन रद नहीं की गई।

यात्री हुए परेशान 

गिद्दड़बाहा स्टेशन पर गांव सुखना अबलू निवासी बुजुर्ग अजैब सिंह ने बताया कि वह दोपहर एक बजे स्टेशन पर आ गया था। उसने राजपुरा में जाना है। लेकिन यहां आकर पता चला कि किसान धरने पर बैठे हैं और ट्रेनों का अवागमन बंद है। तीन घंटे ट्रेन का इंतजार करते हो गए हैं।

अभी तक ट्रेन नहीं आई है। उसे लगता है कि वापस घर लौटना पड़ेगा, क्योंकि समय भी काफी हो गया है। ट्रेन न आने के कारण उसे काफी परेशानी हुई है। इनके अलावा भी अन्य यात्रियों को परेशानी की सामना करना पड़ा। कई यात्री तो बसों व अन्य साधनों से अपने गंतव्य पर चले गए और कई अपने घरों को लौट गए।

किसानों ने जताया रोष

गिद्दड़बहाहा में भाकियू एकता उगराहां के जिला प्रधान हरबंस सिंह ने कहा कि वर्षा व ओलावृष्टि और तेज हवाओं से गेहूं की फसल की पैदावार में भारी गिरावट आई है। इसका पूरा मुआवजा देने की बजाए केंद्र सरकार की ओर से सिकुंड़े दानों के बहाने बाकी बची गेहूं में भी 5-31 से लेकर 31-86 रुये प्रति क्वाटिंल की कटौती करने का फैसला सुना दिया है। जोकि किसानों के साथ सीधे तौर पर धक्का है।

केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ किसानों को मजबूरन एक बार फिर रेल रोको आंदोलन चलाना पड़ा है। पंजाब सरकार के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार केवल 15 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा कर किसानों के साथ मजाक कर रही है। जबकि केंद्र सरकार ने मुआवजा तो क्या देना है, उलटा रेट में भी कटौती की जा रही है।

मांगें ना पूरी होने पर अधिकारियों के भी किए घेराव जाएंगे- किसान

प्राकृति आपदा के माध्यम से तबाह हुई फसल का मुआवजा कम से कम 50-55 हजार रुपये प्रति एकड़ बनता है और जिनके घरों की छते ढह गई हैं उन्हें 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि रेट में कटौती वाला जे-फार्म काटने वाले अधिकारियों के भी घेराव किए जाएंगे।

इस अवसर पर जगदीप सिंह, गुरतेज सिंह, निशान सिंह, जगसीर सिंह, दलजीत सिंह, राजा सिंह, हरविंदर सिंह, हरफूल सिंह, गुरचरण सिंह के अलावा मलोट स्टेशन पर किसान जसविंदर सिंह,गगनदीप सिंह,स्वर्ण सिंह,कुलवंत सिंह भी उपस्थित थे।

पांच ट्रेनें प्रभावित हुईं- स्टेशन मास्टर

गिद्दड़बाहा के स्टेशन मास्टर मोहन लाल मीना ने बताया कि किसानों के धरने के कारण पांच ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। उनको बठिंडा, अबोहर, श्रीगंगानगर में रोक रखा है। चार बजे के बाद सभी ट्रेनों को चला दिया जाएगा। एक भी ट्रेन रद नहीं की जाएगी।