पंजाब में इस बार गरमी व पैडी सीजन में बिजली की मांग रिकार्ड तोड़ सकती है। पावरकॉम के अनुमान के मुताबिक इस बार बिजली की अधिकतम मांग 16300 मेगावाट तक जा सकती है, जबकि साल 2023 में बिजली की अधिकतम मांग 15325 मेगावाट दर्ज की गई थी। इसके मद्देनजर पावरकॉम की ओर से गरमी के सीजन में खपतकारों को निर्विध्न बिजली सप्लाई देने के लिए पूरे प्रबंध किए जाने के दावे किए जा रहे हैं। 

सबसे अहम पावरकॉम की ओर से बैंकिंग सिस्टम के तहत दूसरे राज्यों से जून से सितंबर तक रोजाना बिजली ली जाएगी। इसके साथ सोलर बिजली खरीद के प्रबंध भी किए गए हैं। वहीं थर्मल प्लांटों के यूनिटों की जरूरी मरम्मत व रख-रखाव का काम भी किया जा रहा है। जिससे पीक सीजन में बिना किसी तकनीकी खराबी के यूनिटों को पूरी क्षमता पर चलाया जा सके।

दरअसल इस बार मौसम विभाग ने पंजाब में गरमी ज्यादा पड़ने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र डायरेक्टर एके सिंह के मुताबिक इस बार हीट वेब और एकस्ट्रीम वेदर कंडीशन ज्यादा रहेंगी। जिसके चलते तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री ऊपर रहने का अनुमान है। ऊपर से जून से पंजाब में धान की सीजन भी शुरू हो जाता है। ऐसे में भीषण गरमी व धान के सीजन के चलते बिजली की अधिकतम मांग 16300 मेगावाट तक दर्ज की जा सकती है। 

इसके मद्देनजर हालांकि पावरकॉम की ओर से निर्विध्न बिजली सप्लाई के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। पावरकॉम की ओर से जून से लेकर सितंबर महीने तक बैंकिंग सिस्टम के तहत देश के अन्य राज्यों हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, तमिलनाड़ू, तेलंगाना और मेघालय से रोजाना करीब 3000 मेगावाट बिजली ली जाएगी। जिसे बाद में पावरकॉम की ओर से सर्दियों में वापस किया जाता है।

पावरकॉम के अधिकारियों के मुताबिक 2600 मेगावाट सोलर पावर खरीद के लिए टेंडर किए हैं। इसके साथ ही विभिन्न थर्मलों के यूनिटों की सालाना मरम्मत का काम पिछले कुछ समय से चल रहा है। खास तौर से सरकार की ओर से हाल ही में खरीदे गोइंदवाल थर्मल की मरम्मत पर जोर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक इस प्लांट में तकनीकी नुक्स काफी रहते थे। पैसों की तंगी के चलते संबंधित फर्म प्लांट की सालाना मरम्मत नहीं करा पाती थी। यहां तक कि लिंकेज का कोयला भी खरीद नहीं पाती थी। इस वजह से प्लांट के दोनों यूनिट कभी तकनीकी खराबी तो कभी कोयले की कमी के चलते अकसर बंद रहते थे। प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) मात्र 30 से 35 फीसदी था, जिसे बढ़ाकर अब 60 फीसदी तक लाया गया है। नियमानुसार एक अच्छे थर्मल का पीएलएफ 75 फीसदी रहना चाहिए। गोइंदवाल थर्मलों के यूनिटों की जरूरी मरम्मत के साथ-साथ यहां पावरकाम की पछवारा खान से कोयला भी आने लगा है। इसी तरह से रोपड़ व लहरां मुहब्बत और प्राइवेट में तलवंडी साबो व राजपुरा थर्मलों के यूनिटों का भी सालाना रख-रखाव हो रहा है।

पहले की तरह अब कोयले के संकट से भी बिजली पैदावार प्रभावित नहीं होगा। पावरकॉम के झारखंड स्थित पछवारा खान से कोयले की सप्लाई निर्विध्न हो चुकी है। इस समय पावरकॉम के गोइंदवाल समेत तीनों थर्मलों में कोयले का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध है। अधिकारियों के मुताबिक गरमी के सीजन में भी कोई दिक्कत नहीं होगी।

गरमी में बढ़ती पीक मांग 

वित्तीय साल                                 औसतन पीक मांग (मेगावाट)      साल            मांग          वृद्धि
2022-23 (अप्रैल से जून)                  211402                      2023-24        220655       4.4
2022-23 (जुलाई-सितंबर)                  196442                      2023-24       230378       17.3

वित्तीय साल                         बिजली की जरूरत (मिलियन यूनिट)
2022-23 (अप्रैल से जून)                  404605                       2023-24       407760        0.8
2022-23 (जुलाई-सितंबर)                 186769                        2023-24       434621       12.4

आंकड़ों के मुताबिक साल 2022-23 के मुकाबले 2023-24 में बिजली की जरूरत 7.5 फीसदी बढ़ी है। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक पावरकॉम ने साल 2023-24 में 27000 करोड़ की बिजली बाहर से खरीदी थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 31000 करोड़ की बिजली खरीदने का अनुमान है।