रांची जमीन घोटाला मामले में पूछताछ को लेकर ईडी की टीम सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पहुंच गई। हेमंत सोरेन अपने आवास पर नहीं मिले। ईडी के अधिकारी वहां 13 घंटे तक डटी रही। काफी देर बाद भी जब मुख्‍यमंत्री आवास नहीं पहंचे, तो टीम वहां के ड्राइवर व अन्य स्टाफ को लेकर मुख्‍यमंत्री को ढूंढने दिल्ली में एक-दो संभावित स्थानों पर भी पहुंचे। 

झारखंड में सियासी माहौल गर्म

इधर,  इस घटना को लेकर दिल्ली से रांची तक हड़कंप मचा रहा। दिनभर हेमंत की गिरफ्तारी और उसके बाद के सत्ता के समीकरणों को लेकर भी अटकलें लगाई जाती रहीं।

तेजी से बदलते घटनाक्रमों और बढ़ते दबाव के बीच सोमवार को ही सीएम की ओर ईडी को मेल भेजकर यह सूचना दी गई कि हेमंत सोरेन 31 जनवरी को पूछताछ के लिए रांची में उपलब्ध रहेंगे। ईडी उनसे सीएम आवास आकर पूछताछ कर सकती है। हेमंत पर शिकंजा कसता देख झारखंड में सियासी माहौल भी गर्म हो गया है। राज्‍य में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। 

सीएम आवास के 100 मीटर के दायरे में धारा 144

इस बीच, आज रांची में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक है। विधायकों दोपहर तक रांची पहुंच जाएंगे। सभी को अपने साथ जरूरी सामान साथ लाने के लिए कहा गया है। पूरी तैयारी के साथ आने का निर्देश है। रांची में सीएम आवास, राजभवन और ईडी कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है।

क्‍या आदिवासी होना पाप?: झामुमो नेता

झामुमो नेता मनोज पांडे इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने कहा है, एक निर्वाचित सरकार एक निर्वाचित मुख्यमंत्री को परेशान कर रही है, क्या आदिवासी होना पाप है? हेमंत सोरेन ईडी को बता चुके हैं कि वह 31 जनवरी को पूछताछ के लिए उपलब्ध रहेंगे, ईडी ने खुद 31 जनवरी की समय सीमा दी थी, तो 29 जनवरी को जांच क्यों की गई, इतनी बेचैनी क्यों? वह एक चहेते मुख्यमंत्री हैं, भगोड़े नहीं...यह झारखंड की जनता और आदिवासियों का अपमान है।