जयपुर | राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला अब सियासी बयानबाजी से निकलकर ईडी के ऑफिस तक पहुंच गया है। राजस्थान हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट पूनमचंद भंडारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सहित कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ जयपुर में प्रवर्तन निदेशालय में लिखित शिकायत दी है। इसमें सीएम गहलोत के आरोपों की जांच करते हुए विधायकों से पैसा बरामद करने की अपील की है।

एडवोकेट पूनमचंद भंडार की ओर से ईडी में दी गई शिकायत में बताया गया है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सात मई को धौलपुर में महंगाई राहत शिविर की सभा में भाषण दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मिलकर सरकार गिराने का षड्यंत्र रचा था। साथ ही आरोप लगाया कि उन्होंने कांग्रेस के कुछ विधायकों को पैसे भी दिए थे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि जिन विधायकों ने 10-10 करोड़ रुपये लिए हैं, उस राशि को वापस अमित शाह को वापस लौटा दें। सीएम गहलोत के बयान के अनुसार, कांग्रेस के विधायकों पर करोड़ों रुपये लेने का आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बन जाता है। शिकायत में भंडारी ने पूरे प्रकरण की जांच करने की अपील की है।एडवोकेट भंडारी ने अपनी शिकायत में कहा कि जिन लोगों पर पैसे देने और पैसे लेने के आरोप लगे हैं, उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा तीन के तहत अपराध किया है। ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।